बायोमेट्रीक मशीन बनी शोभा की वस्तु

जमुई
जनादेश न्यूज़ जमुई
अलीगंज (समर कुमार) : शिक्षकों की समय पाबंदी के उद्देश्य से सरकार ने बड़े उत्साह से और काफी खर्च करके जिले के हाईस्कूलो में बायोमेट्री मशीन लगाई गयी है ताकि स्कूल से फरार व समय पर नही आने वाले गुरुजी पर शिकंजा कसा जा सके। परन्तु शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण यह लगभग सभी हाईस्कूलों में शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। प्रारंभ में ऐसा लगा था कि वायोमेट्री मशीन लगने के बाद गुरुजी समय से स्कूल आएँगे। लेकिन यह आकलन बिल्कुल गलत साबित हुआ। यहां एक सवाल उठता है कि आखिर बायोमेट्री मशीन लगाने के बाद जब उससे शिक्षकों की अवसेंटी ही नहीं बनाई जा रही है तो उस मशीन का औचित्य ही क्या रह जाता है ! नाम नही प्रकाशित करने की शर्त पर कुछ शिक्षकों ने ही बताया कि कई ऐसे शिक्षक हैं जो बायोमेट्री मशीन से अपना हाजिरी बनाकर चले जाते हैं। फिर छुट्टी के समय भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर अपना काम कर रहे हैं। विद्यालय प्रधान बताते हैं कि शुरुआती दौर में दो -तीन महीनों तक बायोमेट्री मशीन से प्रिंट आउट निकालकर अवसेंटी लिया गया था। लेकिन पुनः पूर्व की तरह ही फार्म भरकर अवसेंटी भेजी जा रही है। इससे बायोमेट्री मशीन का महत्व शिक्षकों के द्वारा नही दिया जा रहा है। इस कारण विद्यालय से फरार रहने वाले गुरूजी की मटर गश्ती जारी है। बताना जरूरी है कि अलीगंज बाजार में सरकारी हाईस्कूल में पदस्थापित कई शिक्षकों द्वारा आधा दर्जन से भी अधिक कोचिंग का संचालन किया जाता है। इस कारण कोचिंग चलाने वाले शिक्षक विद्यालय में अपनी उपस्थिति बनाकर नियम कानून को ताक पर रखकर कोचिंग सेंटर चलाने में ज्यादा मशगुल रहते हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार हिमांशु ने बताया कि अवसेंटी विधालय प्रधान के द्वारा भेजी जाती है। मशीन के प्रिंट आउट के आधार पर अवसेंटी नहीं देने पर जांचोपरांत विद्यालय प्रधान पर कारवाई की जाएगी।