फांसी की सजा पाई शबनम के 12 वर्षीय बेटे ने मां के लिए राष्‍ट्रपति से लगाई माफी की गुहार, आजाद भारत में फांसी की सजा पाने वाली पहली महिला अपराधी है शबनम

देश
जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
सेंट्रल डेस्क : उत्‍तर प्रदेश के अमरोहा के बानवखेड़ी हत्‍याकांड में फांसी की सजा पाने वाली शबनम के 12 साल के बेटे ने राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपनी मां के लिए माफी की गुहार लगाई है। वारदात के वक्‍त शबनम दो महीने की गर्भवती थी। इस बच्‍चे का जन्‍म जेल में हुआ था। गौरतलब है कि राष्‍ट्रपति शबनम की दया याचिका खारिज कर चुके हैं। अब अपनी मां की ओर से बेटे ने उनसे माफी की गुहार लगाई है।
फांसी की सजा पाने वाली शबनम से उसके बेटे की मुलाकात पिछले महीने की 21 तारीख को हुई थी। तब शबनम ने उसे टॉफी और कुछ रुपए दिए थे।
शबनम आजाद भारत में फांसी की सजा पाने वाली पहली महिला अपराधी है। उसने 14 अप्रैल 2008 की रात अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर परिवार के सात लोगों की हत्‍या कर दी थी। इस मामले में पकड़े जाने के बाद शबनम में जेल में अपने बच्‍चे को जन्‍म दिया जिसे बाद में उसके एक दोस्‍त ने गोद ले लिया। आज उस बच्‍चे की उम्र 12 साल है। उसने मां को फांसी दिए जाने की बात सुनी तो राष्ट्रपति से माफ़ी की गुहार लगाई। 12 साल की छोटी सी उम्र में बच्‍चे को अपनी मां के गुनाहों का अहसास है। उसे गोद लेने वाले शबनम के दोस्‍त ने बताया कि उसने राष्‍ट्रपति से अपनी मां के लिए माफी की मांग की है।