जिलाधिकारी ने की धान अधिप्राप्ति की समीक्षा बैठक

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नालंदा
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जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने आज धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षा बैठक की।
 बताया गया कि नालंदा जिला के लिए धान अधिप्राप्ति का संशोधित लक्ष्य विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है।जिला के लिए 2 लाख मैट्रिक टन के पूर्व निर्धारित लक्ष्य की जगह अब 2 लाख 40 हजार मैट्रिक टन का संशोधित लक्ष्य विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है। इस प्रकार जिला को 40 हजार मैट्रिक टन का अतिरिक्त लक्ष्य विभाग द्वारा दिया गया है।
 जिन पैक्सों द्वारा पुराने लक्ष्य के अनुरूप शत प्रतिशत धान की अधिप्राप्ति की गई है, उनके लिए कुल उत्पादन एवं धान अधिप्राप्ति के निर्धारित अनुपात के मानक को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त लक्ष्य समानुपातिक रूप से निर्धारित करने का निर्देश दिया गया।
 जिला में अभी तक लगभग एक लाख 88 हजार एमटी धान अधिप्राप्ति की गई है। इस धान की खरीदगी जिला के लगभग 27700 किसानों से की गई है। अधिप्राप्ति में खरीदे गए धान के विरुद्ध अब तक 50 हजार 750 एमटी सीएमआर एसएफसी के विभिन्न गोदाम में प्राप्त हो चुका है। 
बताया गया कि विभिन्न राइस मिल के पास धान का भंडार पड़ा है। जिलाधिकारी ने सभी राइस मिल का प्रतिदिन भौतिक निरीक्षण एवं समीक्षा सुनिश्चित करने को कहा ताकि सीएमआर में तेजी लाई जा सके।
 समीक्षा के क्रम में ज्ञात हुआ कि रहुई एवं सिलाव प्रखंड में कुछ किसानों से धान खरीदगी के उपरांत भी ऑनलाइन प्रविष्टि नहीं की गई है। जिलाधिकारी ने दोनों प्रखंडों के प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछते हुए वेतन निकासी पर रोक लगाने का निर्देश दिया।
एसएफसी के विभिन्न गोदामों में भंडारित चावल को विभागीय निदेशानुसार रेलवे रैक के माध्यम से अन्य जिलों तथा जिला अंतर्गत जन वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरण हेतु निर्धारित टाइमलाइन के अनुसार उठाव सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। एसएफसी के गोदाम से चावल का उठाव होने से भंडारण क्षमता निरंतर उपलब्ध रहेगी। इसके लिए चावल के ट्रांसपोर्ट के लिए चयनित सभी ट्रांसपोर्टर को आवश्यक संख्या में ट्रकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। इसका अनुपालन नहीं किए जाने पर संबंधित ट्रांसपोर्टर के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
अधिप्राप्ति में धान बेचने वाले सभी किसानों का भौतिक सत्यापन कृषि विभाग के माध्यम से कराया जा रहा है। अब तक लगभग 22 हजार किसानों का भौतिक सत्यापन कृषि विभाग के माध्यम से सुनिश्चित किया गया है। आगे भी सत्यापन कार्य निरंतर सुनिश्चित करने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया गया।
 जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि चावल की गुणवत्ता निर्धारित मानक के अनुरूप होना चाहिए अन्यथा संबंधित राइस मिल के विरुद्ध नियमानुकूल कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी एवं ट्रांसपोर्टर प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।