आस्था के महापर्व छठ में ध्वस्त हो जाती है जात–पात की दीवार

नवादा
जनादेश न्यूज़ नवादा
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) : मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना,,,,,, यह पक्की लोक आस्था के महापर्व छठ पर पूरी तरह चरितार्थ हो जाती है।
छठ पर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान गुरुवार से प्रारंभ हो गया। आस्था के इस महापर्व में जात पात, अमीर -गरीब धर्म सभी विभेद की दीवारें धाराशाही हो जाती है। हर जाति के लोग इस पर्व में एक साथ नदी तालाब में खड़े होकर भगवान भास्कर को आराध्य अर्पित करते हैं। वही पर्व के आयोजन में हर जाति बिरादरी की सक्रियता समरम समाज की परिकल्पना को चरितार्थ कर देती है।
छठ में तुरिया समुदाय के लोग बनाते हैं सूप:-बांस की बनी सुप में छठ मैया को प्रसाद चढ़ाया जाता है। वही छठ घाट तक पूजा सामग्री और सूप ले जाने में बांस से बनी दौरा (डलिया) का इस्तेमाल किया जाता है। बांस का सूप और दौरा बनाने का काम तुरिया व डोम समाज के लोग करते हैं। दिन रात एक कर के छठ वर्तियों के लिए सूप व डलिया बनाते हैं ताकि हर छठ वर्तियों को यह आसानी से उपलब्ध हो जाए आम दिनों में भले ही इन लोगों से छुआछूत की बात होती है लेकिन छठ में बड़े-बड़े लोग इन लोगों के पास सूप और दौरा खरीदने आते हैं।