DM ने अस्थावां प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय सहित मालती पैक्स एवं जन वितरण प्रणाली की दुकानों का किया औचक निरीक्षण

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नालंदा
नालंदा जिला अधिकारी के द्वारा सबसे पहले आधार पंजीकरण केंद्र का निरीक्षण किया गया। साथ ही आवेदकों से बातचीत कर फीडबैक लिया गया।किसी भी आवेदक द्वारा किसी तरह के अवैध कार्यकलाप से इंकार किया गया।
अंचल कार्यालय स्थित आरटीपीएस काउंटर के निरीक्षण के क्रम में भी उपस्थित लोगों से बातचीत की गई। कुछ लोगों द्वारा बताया गया कि कोविड का हवाला देते हुए आर टी पी एस काउंटर पर भौतिक रूप से आवेदन नहीं लिया जा रहा है।सभी लोगों को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए वापस भेज दिया जाता है।इस आशय की सूचना भी काउंटर के पास चस्पा दिया गया है। पाया गया कि आर टी पी एस काउंटर के संबंध में इस प्रकार का कोई आदेश प्राप्त नहीं है।पूछताछ के क्रम में ज्ञात हुआ कि आर टी पी एस काउंटर पर कार्यरत कार्यपालक सहायक रवि कुमार द्वारा अपनी मर्जी से सूचना चस्पा दिया गया था।जिलाधिकारी ने इसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए संबंधित कार्यपालक सहायक को सेवामुक्त करने का निदेश दिया।
निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने अंचल निरीक्षक एवं राजस्व कर्मचारी के कार्यस्थल का भी निरीक्षण किया। राजस्व कर्मचारियों के पास उपलब्ध म्यूटेशन एवं परिमार्जन से संबंधित आवेदनों का उन्होंने बारीकी से अवलोकन किया। एक आवेदक के आवेदन में दिए गए मोबाइल पर भी संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संबंधित आवेदक द्वारा कॉल रिसीव नहीं किया गया। जिलाधिकारी आवेदक का नाम पता एवं मोबाइल नंबर लिखकर ले गए। उन्होंने कहा कि इस दूरभाष नंबर पर फिर से संपर्क किया जाएगा तथा आवेदन के संबंध में आवेदक से फीडबैक लिया जाएगा।
परिमार्जन से संबंधित ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों का प्रिंट आउट त्रुटि मार्जन हेतु संबंधित राजस्व कर्मचारी को समय से उपलब्ध नहीं कराने को लेकर अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछा गया। सितंबर अक्टूबर एवं नवंबर माह में प्राप्त आवेदनों को कुछ दिन पहले कर्मचारी को जांच के लिए उपलब्ध कराया गया था। उन्होंने राजस्व शाखा के प्रभारी पदाधिकारी के माध्यम से अंचल कार्यालय की गहन जांच कराने का निर्देश दिया।
 मौके पर उपस्थित एक आवेदक द्वारा म्यूटेशन के अस्वीकृत किए गए आवेदन के बारे में जिलाधिकारी को जानकारी दी गई। जिलाधिकारी ने अस्वीकृति के कारण का कंप्यूटर सिस्टम पर ऑनलाइन अवलोकन किया। पाया गया कि संबंधित जमीन खतियान में गैरमजरूआ मालिक के रूप में दर्ज है। परंतु इस जमीन की बिक्री आवेदक को की गई थी। विक्रेता के नाम से इस जमीन का 2018-19 में लगान रसीद एवं एलपीसी निर्गत किया गया था। उन्होंने भूमि सुधार उप समाहर्ता बिहारशरीफ के माध्यम से इस मामले की गहन जांच कराने का निर्देश दिया।
 एक अन्य आवेदक द्वारा नामांतरण म्यूटेशन से संबंधित अस्वीकृत किए गए आवेदन के बारे में जानकारी दी गई। कंप्यूटर सिस्टम में आवेदन की बारीकी से जांच करने पर पाया गया कि आवेदक के सारे दस्तावेज सही थे, परंतु त्रुटिपूर्ण कारण देते हुए इनके आवेदन को अस्वीकृत किया गया था। उन्होंने आवेदक को भूमि सुधार उप समाहर्ता बिहार शरीफ के यहां अपील वाद दायर करने को कहा तथा मामले से संबंधित रिपोर्ट भूमि सुधार उप समाहर्ता को भेजने का निर्देश दिया। 
 जिलाधिकारी ने अंचल कार्यालय की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी अस्थावां को अंचलाधिकारी के अतिरिक्त प्रभार से प्रभार मुक्त करने हेतु कार्रवाई का निर्देश दिया।
क्षेत्र भ्रमण के क्रम में जिलाधिकारी ने प्रखंड के मालती पैक्स तथा पीडीएस दुकानों का भी निरीक्षण किया।
 मालती पैक्स के निरीक्षण के क्रम में धान अधिप्राप्ति स्टॉक पंजी, किसानों को किए गए भुगतान की पंजी, मिल को भेजे गए धान की मात्रा से संबंधित पंजी आदि का अवलोकन किया। पैक्स में भंडारित धान का भौतिक सत्यापन भी कराया गया।
 मालती पंचायत में मालती पैक्स द्वारा संचालित पीडीएस दुकान का भी जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया। दुकान को बंद पाया गया। कुछ देर बाद डीलर द्वारा दुकान खोला गया। भवन की स्थिति अत्यंत जर्जर पाई गई। वहां रोशनी की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। भंडार एवं रेट से संबंधित बोर्ड भी अंदर रखा हुआ था। उन्होंने दुकान में भंडारित चावल एवं गेहूं की मात्रा का पॉश मशीन में दर्ज आंकड़े से मिलान कराया। पाया गया कि भंडार में वास्तविक रुप से केवल चावल ही उपलब्ध था, गेहूं का कोई भी स्टॉक वास्तविक रूप से नहीं पाया गया। जबकि पॉश मशीन के आंकड़े के हिसाब से गेहूं भी स्टॉक में प्रदर्शित हो रहा था। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी बिहार शरीफ के माध्यम से इसकी जांच करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया।
 मालती पंचायत के ही नेपुरा गांव में एक अन्य पीडीएस दुकान का भी निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार लाभुकों का बयान दर्ज कराने की कार्रवाई सुनिश्चित की की जा रही है।
 निरीक्षण के क्रम में जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित अन्य स्थानीय पदाधिकारी मौजूद थे।