CJI रामना का निराला अंदाज, चीफ जस्टिस बनने के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंचे रमना,फूलों से सजी बैलगाड़ी पर बैठकर पूरा गांव घूमे

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जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) एन वी रमना शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले स्थित अपने पैतृक गांव पोन्नावरम पहुंचे। गांव के लोगों ने उनका स्वागत भी निराले अंदाज में किया। CJI को फूलों से सजी बैलगाड़ी में बैठाकर पूरे गांव घुमाया गया। इस दौरान गाजे-बाजे के साथ उन पर फूलों की बारिश होती रही।
CJI के साथ उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य भी बैलगाड़ी पर बैठे और पूरे गांव की सैर की। इस दौरान ग्रामीण पैदल ही उनके साथ घूमते रहे। गांव वालों के स्वागत से रमना भी भावुक हाे गए। देश का चीफ जस्टिस बनने के बाद रमना पहली बार अपने गांव आए हैं।
जस्टिस रमना अपनी पत्नी के साथ फूलों से सजी बैलगाड़ी पर बैठकर गांव घूमे।
तेलुगू में की गांव के लोगों से बातचीत
गांव वालों से उन्होंने तेलुगू में बातचीत की। उन्होंने स्वागत के लिए सभी को धन्यवाद करते हुए कहा कि देश प्रगति कर रहा है, लेकिन कई समस्याएं अब भी बनी हुई हैं। उन्होंने इस दौरान सभी को समस्याओं से मुकाबला करने के लिए एकजुट होने की अपील की। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि वह अपनी मातृभाषा तेलुगू और अपनी जन्मभूमि से बहुत प्यार करते हैं।
CJI का अंदाज देखकर गांव के लोग भी उनके साथ पैदल ही गांव घुमाने निकल पड़े।
पिता कम्युनिस्ट, इसलिए स्वतंत्र विचारधारा
ग्रामीणों को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमना भावुक नजर आए। उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि उनके पिता कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थक हुआ करते थे। इसलिए वह (न्यायमूर्ति रमना) स्वतंत्र पार्टी की विचारधारा को पसंद करते थे।
 उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा चाहा है कि सभी लोगों को जाति, नस्ल और धर्म से ऊपर उठ कर एक साथ रहना चाहिए।’ न्यायमूर्ति रमना राज्य की तीन दिनों की यात्रा पर हैं और इस दौरान वह कई कार्यक्रमों में शरीक होंगे।