मैं उस पुल के कड़े फैसले की कड़ी निंदा करता हूं जो ससुरा उद्घाटन के दिन ही टूटकर बह गया.

पटना
जनादेश न्यूज़ पटना
जुलाई में नीतीश कुमार ने गोपालगंज में पुल की अप्रोच रोड का उद्घाटन किया था, उसके बाद ही वह पुल टूट ​गया था. अबकी बार छपरा में एक दूसरे पुल ने कड़ा फैसला लिया और उद्घाटन से पहले ही टूट गया.
ये गर्व की बात है कि हमारी सरकारें ऐसे पुल और सड़क बनाती हैं जो उद्घाटन तक भी न टिकें. ये पारदर्शिता का चरम है कि गोपालगंज और छपरा का भ्रष्टाचार न्यूयॉर्क से दिख जाता है. गोपालगंज वाले पुल की लागत 264 करोड़ थी. छपरा वाले की कीमत 509 करोड़ रुपये है.
खुशी की बात है कि बिहार अब बीमारू राज्य नहीं रहा. वहां सात-आठ सौ करोड़ यूं ही बह जाते हैं.
दुख इस बात का है कि ये दूसरा पुल चुनावी मौसम में उद्घाटन से पहले ही क्यों टूट गया?