बिहार का शराबबंदी कानून अदूरदर्शिता का नमूना, अदूदर्शी कानून अदालत में लगाते हैं मुकदमों का ढेर : CJI रमना

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यानि एनवी रमना ने रविवार को बिहार में शराबबंदी कानून को अदूरदर्शिता का उदाहरण बताया है। मुख्य न्यायाधीश ने ये तब कहा जब वो रविवार को विजयवाड़ा के सिद्धार्थ विधि महाविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
रिपोर्ट के मुताबिक चीफ जस्टिस ने कहा कि ‘देश की अदालतों में मुकदमों का अंबार लग जाता है। इसका कारण ऐसे कानून का मसौदा तैयार करने में दूरदर्शिता की कमी होती है। उदाहरण के लिए बिहार मद्यनिषेध निषेध अधिनियम 2016 की शुरूआत के चलते हाईकोर्ट में जमानत के आवेदनों की भरमार हो गई। इसकी वजह से एक साधारण जमानत अर्जी के निपटारे में एक साल का समय लग जाता है। बिना ठोस विचार के लागू कानून मुकदमेबाजी की ओर ले जाते हैं।’