बिचाली व्यवसाय से संबंधित व्यवसायियों के वित्त पोषण हेतु प्राप्त आवेदनों के निष्पादन में शिथिलता बरतने वाले बैंकर्स के साथ जिलाधिकारी ने की बैठक

नालंदा
जनादेश न्यूज नालंदा
आवेदनों के निष्पादन में शून्य प्रगति वाले चार बैंकों के क्षेत्रीय प्रबन्धकों से पूछा गया स्पष्टीकरण
इन चार बैंकों के उदासीन रवैया के संबंध में एसएलबीसी को किया जाएगा सूचित
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जिला में बिचाली उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला प्रशासन के स्तर से लगातार पहल किया जा रहा है।
इस व्यवसाय के इच्छुक 93 कृषक व्यवसायियों द्वारा वित्त पोषण हेतु प्रोजेक्ट डीपीआर के साथ आवेदन दिया गया।
इन आवेदनों को संबंधित बैंकों को भेजा गया। विभिन्न बैंकों द्वारा अबतक मात्र 12 आवेदन स्वीकृत किये गए हैं।
आज जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने आवेदनों के निष्पादन में शिथिलता बरतने वाले बैंकर्स के साथ बैठक की।
इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक एवं यूनियन बैंक द्वारा एक भी आवेदन का निष्पादन नहीं किया गया है। जिलाधिकारी ने इन बैंकों द्वारा बरती जा रही उदासीनता के प्रति अत्यंत अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने इन चारों बैंकों के क्षेत्रीय प्रबंधकों से स्पष्टीकरण पूछा। साथ ही कहा कि इन बैंकों द्वारा आवेदनों के निष्पादन में बरती गई शिथिलता के बारे में एसएलबीसी को भी संसूचित किया जा रहा है ।
अन्य बैंकों को भी लंबित आवेदनों के निष्पादन का स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया।
बैठक में उपस्थित भारतीय स्टेट बैंक के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि अभी आवेदकों का प्रोडक्शन यूनिट बंद है, इसलिए आवेदनों का निष्पादन नहीं हो रहा है। इस संबंध में उन्हें स्पष्ट किया गया कि यह व्यवसाय एक सीजनल व्यवसाय है। उनसे पूछा गया कि क्या सीजनल प्रकृति के व्यवसाय के लिए बैंक द्वारा वित्त पोषण का प्रावधान नहीं है? इसे लिखित रूप में स्पष्ट करने को कहा गया।
जिला कृषि पदाधिकारी को इस व्यवसाय के इच्छुक और भी लोगों से आवेदन प्राप्त करने का निदेश दिया गया।
बैठक में उप विकास आयुक्त, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र सहित विभिन्न बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक/प्रतिनिधि उपस्थित थे।