बिचाली व्यवसाय एवं कृषि की अन्य सहयोगी गतिविधियों से जुड़े 123 व्यवसायियों को क्रेडिट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए की जा रही कार्रवाई

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नालंदा
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पुआल से पशुचारा तैयार करने (बिचाली) का व्यवसाय जिला में बड़े स्तर पर किया जा रहा है। इस व्यवसाय को और भी व्यवस्थित एवं व्यापक स्वरूप में बढ़ावा देने के लिए व्यवसायियों को क्रेडिट सुविधा की आवश्यकता है।
इसी उद्देश्य से जिला में बिचाली व्यवसाय एवं कृषि की अन्य सहयोगी गतिविधियों यथा- मत्स्य पालन, डेयरी, मशरूम उत्पादन आदि से जुड़े व्यवसायियों के साथ बैंकिंग संस्थानों के एक दिवसीय समागम का आयोजन 2 अप्रैल को स्थानीय टाउन हॉल में किया गया था। 
इस समागम में मशरूम, डेयरी, मत्स्य पालन एवं मुख्य रूप से बिचाली व्यवसाय से जुड़े 123 किसान व्यवसायियों से उनकी आवश्यकताओं के संबंध में फीडबैक प्राप्त हुआ था।
प्राप्त फीडबैक के आधार पर इन व्यवसायियों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप क्रेडिट सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सोमवार की देर शाम जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने बैठक की।
 जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि टाउन हॉल में आयोजित एक दिवसीय समागम में 123 किसान व्यवसायियों से फीडबैक फॉर्म प्राप्त हुआ था, जिनमें से अधिकांश बिचाली व्यवसाय से जुड़े व्यवसाई हैं।
 जिलाधिकारी ने इन सभी व्यवसायियों से व्यक्तिगत संपर्क कर उनकी वास्तविक आवश्यकता के अनुरूप क्रेडिट सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आवेदन सृजित कराने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया।
 जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि फीडबैक देने वाले सभी किसानों से दूरभाष के माध्यम से तथा व्यक्तिगत संपर्क कर उनकी वास्तविक आवश्यकता के अनुरूप आवेदन सृजित करने की कार्रवाई की जा रही है।
 जिलाधिकारी ने सभी इच्छुक लोगों से आवेदन प्राप्त कर बैंकों के माध्यम से क्रेडिट सुविधा उपलब्ध कराने हेतु त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
 जिला में बिचाली उद्योग को बढ़ावा मिलने से फसल अवशेषों को जलाने के मामले भी कम होंगे तथा किसानों को अतिरिक्त आय भी होगी। बेहतर क्रेडिट सुविधा मिलने से व्यवसायी आवश्यक मशीनरी के साथ-साथ भंडारण हेतु गोदाम का निर्माण भी कर सकेंगे। इससे व्यवसाय के बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकेज में बढ़ावा मिलेगा। व्यवसाई किसानों से पुआल उपलब्ध कराने के लिए अग्रिम इकरारनामा कर सकते हैं। जब किसानों को पता होगा कि फसल अवशेषों से कितनी आमदनी होगी तो वह निश्चित रूप से अवशेषों को जलाने के बजाय इसे व्यवसायियों को उपलब्ध कराएंगे। जिलाधिकारी ने गेहूं के भूसा व्यवसाय को भी बढ़ावा देने के लिए भी क्रेडिट सुविधा उपलब्ध कराने को कहा।
बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।