प्रसव के दौरान नवजात शिशु की तथाकथित मौत के विरोध में सड़क जाम,मामले की जांच सिविल सर्जन ने खुद की

शेखपुरा
जनादेश न्यूज़ शेखपुरा
शेखपुरा : प्रसव के दौरान तथाकथित नवजात शिशु की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने शेखपुरा- बरबीघा मुख्य सडक को जाम कर दिया। प्रसव के दौरान नवजात की मृत्यु ने सदर अस्पताल के स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। आक्रोशित ग्रामीण सदर प्रखंड क्षेत्र के कारे गाव के बताये गए है। ग्रामीणों ने मुख्य पथ पर टाटी पुल के पास सडक जाम किया। तीन घंटे से ज्यादा समय तक सडक पर आवागमन बाधित रहने के कारण लोगो को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। खास कर कार्यलय और न्यायालय आने वाले लोगो का कार्य बाधित हो गया। कार्यलय के कर्मी और अधिवक्ता वगैरह अपने कार्यस्थल पर नहीं पहुच सके। काफी मशक्कत के बाद प्रशासन और पुलिस ने जाम तोडवाने में सफलता पाई। प्राप्त जानकारी में बताया गया है कि एक राजनीतिक दल की नेत्री शांति देवी के पुत्री को सदर अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। प्रसव के दौरान बच्चा के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव देखते हुए डाक्टरों ने उसे एक निजी क्लिंक में रेफर कर दिया। उसके बाद भी बच्चे की जान नहीं बचायी जा सकी। बच्चे के मरने की खबर से ग्रामीण आक्रोशित हो गए और मुआवजा तथा दोषी डाक्टर पर कार्रवाई की मांग को लेकर सडक जाम कर दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रसव के दौरान सदर अस्पताल के डाक्टर द्वारा प्रसव के दौरान लापरवाही के कारण नवजात की मौत हुई। बाद में अधिकारियो के मानमनौवल के बाद जाम समाप्त किया गया। अधिकारियो ने इस मामले में जाँच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई का अस्वासन दिया। पुलिस ने भी इस मामले में शिकायत दर्ज करने के बाद मामले की जाँच का भरोसा दिया है।उधर सिविल सर्जन डॉ वीर कुंवर सिंह सदर अस्पताल पहुंचकर इस मामले की जांच की। उन्होंने बताया कि महिला का प्रसव कराने के बाद नवजात शिशु कमजोर था। जिसे इलाज हेतु पटना ले जाया गया और पटना में इलाज के दौरान शिशु की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि इस मामले में स्थानीय सदर अस्पताल के चिकित्सक या कर्मी का कोई दोष नही है।