पैक्स अध्यक्षों की मनमानी से मतदाता हैरान-परेशान

जमुई
जनादेश न्यूज़ जमुई
लक्ष्मीपुर ( गौतम यादव ) : प्रखंड में आगामी दिसंबर माह में होने वाले पैक्स चुनाव को लेकर वर्तमान पैक्स अध्यक्ष द्वारा अभी से ही अपने संभावित प्रतिद्वंदियों को मात देने के लिए कैची चला दी है। इसके लिए पैक्स अध्यक्ष ने मतदाता सूची का जो प्रकाशन किया है उसी में गड़बड़ी कर अपने संभावित प्रतिद्वंदियों को रास्ते से हटाने के लिए चाल चल दी है।.किसी का नाम मतदाता सूची से ही गायब कर दिया है, तो किसी के पिता का नाम गलत कर दिया है। सबसे अधिक गड़बड़ी तो जो मतदाता पूर्ण सदस्य है उनको सह सदस्य बन दिया गया है। जिससे वह चुनाव लड़ने से बंचित हो जाय। पैक्स चुनाव में नियम है कि जो मतदाता पूर्ण सदस्य है वही चुनाव पैक्स अध्यक्ष या कार्यकारणी सदस्य के लिए चुनाव लड़ सकते हैं। जो सह सदस्य है उन्हें सिर्फ मतदान करने का अधिकार है, चुनाव लड़ने का नही।इस प्रकार की गड़बड़ी सभी वर्तमान पैक्स अध्यक्षों ने किया है। पूर्ण सदस्य के लिये वही ब्यक्ति हो सकते हैं जिन्होंने ग्यारह रुपये या उससे ऊपर का शेयर सहकारिता का खरीदा है। उससे कम रुपये का शेयर होने से वह सह सदस्य ही माना जाता है। यानि आपने कोई शेयर लिया ही नही है सिर्फ आपने सहकारिता सदस्य के लिए निबंधन कराया है। यह मामला उस वक्त प्रकाश में आया जब पैक्स चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार कर आपत्ति के लिए प्रकाशन किया गया। इसकी जानकारी देते हुए हरला पैक्स के पूर्ण सदस्य अशोक सिंह पिता मथुरा प्रसाद सिंह साकिन हरला जिनका मतदाता सूची के क्रमांक संख्या 107 तथा जयप्रकाश यादव पिता शांति यादव साकिन डोमाचक इनका क्रमांक संख्या 47 है। इन दोनों को पूर्ण सदस्य से सह सदस्य कर दिया गया है। ताकि दोनों दुबारा चुनाव नही लड़ सके। बीते चुनाव में दोनों ने पैक्स अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। वैसे कई नाम इस बार के चुनाव में अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ना चाह रहे थे। भनक लगते ही वर्तमान पैक्स अध्यक्ष ने उनको भी पूर्ण सदस्य से सह सदस्य बना दिया गया है। जिसमे गौतम पासवान, अशोक साह, रामलखन साह, पंकज कुमार साह, सीताराम यादव, नरेश यादव, राजेश यादव, भीम यादव, संतोष कुमार मंडल, नंदकिशोर कुमार यादव, अरुण कुमार भारती, नरेंद्र यादव, रिकू देवी, उषा देवी, इंदु देवी, बिंदु देवी आदि शामिल है हालांकि इन लोगों द्वारा प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी के पास आपत्ति दर्ज कराई है। पैक्स अध्यक्ष की इस तरह के कारनामे से ऐसा प्रतीत होता है कि जो एक बार पैक्स अध्यक्ष बन जाता है वह चाहता है कि हमेशा हम ही पैक्स अध्यक्ष पद पर रहे।इसके लिए वर्तमान अध्यक्ष मतदाता भी अपने ही लोगों को बनाता है। दूसरा यदि कोई बनना भी चाहता है लेकिन बन नही पता है। जबतक पैक्स अध्यक्ष चाह नही ले।इस कार्य में जिला सहकारिता पदाधिकारी एवं प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी का पूर्ण समर्थन अध्यक्ष को प्राप्त है।