नीतीश योग्य इंजीनियर हैं, तेजस्वी तो ‘कैबिनेट’ की स्पेलिंग भी सही से नहीं बोल सकते: अश्विनी चौबे

पटना
जनादेश न्यूज़ पटना
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक पहले जुबानी जंग एक बार फिर से तेज हो गई है। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शनिवार को कहा कि लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे सही से ‘कैबिनेट’ भी नहीं बोल सकते हैं। बता दें कि बिहार में तीन नवंबर को बिहार में दूसरे चरण के लिए वोटिंग है।
अश्विनी चौबे ने कहा, ‘वह व्यक्ति जो इस मुद्दे को नहीं समझता है और जो 10वीं कक्षा की परीक्षा भी नहीं दे सका है, वह नीतीश कुमार की आलोचना कर रहा है जो एक योग्य इंजीनियर हैं। वह तो कैबिनेट की स्पेलिंग भी नहीं लिख सकता है। उसके पिता के पहले कैबिनेट के फैसले में वादा किया गया था कि एक लाख नौकरियां दी जाएंगी, मगर उन्होंने उनसे पैसे इकट्ठे कर लिए और नौकरियों के लिए आवेदन अभी भी कूड़ेदान में हैं।’
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने झूठे वादों से लोगों को बचने की सलाह देते हुए महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव और कांग्रेस के गठबंधन का नया नामकरण किया और उन्होंने तेजस्वी यादव को ‘गप्पू’ और कांग्रेस को ‘पप्पू’ कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद गठबंधन के लोग ‘गप्पू’ और ‘पप्पू’ हैं जो सिर्फ लप्पू देंगे, मतलब झूठे वादे करेंगे। लोगों को ऐसे लोगों से बचकर रहना चाहिए।
चौबे ने चुनाव आयोग के फैसले पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा गया है कि बिहार में भाजपा का फ्री कोरोना वैक्सीन का वादा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। चौबे ने कहा, ‘हमने आयुष्मान भारत दिया और इसे और अधिक बढ़ावा देने की जरूरत है। कोरोना वैक्सीन 3 चरण में है और अगर सब कुछ ठीक रहता है तो हम इसे मुफ्त में देंगे। मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं। सिर्फ सुशासन सरकार की सरकार ही बेहतर सुविधाएं दे पाएंगी, वरना सिर्फ और सिर्फ लूट होगी।’
इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बेरोजगारी और पलायन के मुद्दों पर बात करने को कहा।
तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट के जरिए कहा, ‘आदरणीय नीतीश जी स्वीकार करते हैं कि उनकी सरकार के 15 वर्षों में उन्होंने राज्य की शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योगों को नष्ट कर दिया है। उन्होंने वर्तमान और भविष्य की दो पीढ़ियों को भी बर्बाद कर दिया है। यही कारण है कि वह बेरोजगारी, रोजगार उद्योग, निवेश और प्रवासन के बारे में कुछ नहीं बोलते हैं। क्या उन्हें इन मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए?