छठ व्रतीयों के लिए स्थाई सरोवरों में पक्के घाट हैं, आरक्षित,बहती नदियों में बालू से बनाए गए अस्थाई घाट भी हुए तैयार

झारखंड
जनादेश न्यूज़ झारखंड
देवघर ( ब्यूरो नवीन कृष्ण ) : छठ घाट पर उमड़ेगा आज आस्था का जन सैलाब। चार दिनों तक चलने वाला महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। पिछले दो दिनों से चल रहे सूर्य देव का छठ व्रत खरना का प्रसाद ग्रहण कर व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ आज शाम को देवघर के व्रती अपने- अपने मोहल्ले के सरोवरों व नदियों में अर्घ दान करेंगे। इसके लिए विभिन्न सरोवरों व नदियों में पक्का या बालू में ग्रामीणों के द्वारा घाट बनाए गए हैं। ऐसा ही एक पवित्र सरोवर वैद्यनाथ मंदिर के नजदीक और वैद्यनाथ मंदिर से जुड़े आस्था का प्रतीक शहर के बीच अवस्थित सरोवर का नाम ” शिवगंगा ” है। जो पौराणिक इतिहास व धार्मिक आस्था से जुड़ा है। इस सरोवर के चारों ओर पक्का घाट बना है, छठ व्रतियों की संख्या काफी रहती है। बहती हुई नदी में बनाए गए विभिन्न नामों से आरक्षित घाटों की बिक्री भी की जाती है, घाटों की कीमत डेढ़ सौ से दो सौ तक होती है, और व्रतियों के नाम की तख्ती लगाकर घाट आरक्षित कर दी जाती है। ऐसे होती है छठ घाटों की बिक्री। बिक्री की जाने वाली घाटों में देवघर से जसीडीह के एन.एच. 333 के मध्य स्थित ढढ़वा नदी में बहुतायत मात्रा में हर साल बिकता है। जो ग्रामीणों के आमदनी का एक जरिया भी बन जाता है। अस्थाई घाट बनाने की प्रक्रिया ग्रामीणों के द्वारा एक सप्ताह पहले से आरंभ कर दिया जाता है। जिससे कि छठ व्रतियों को बना बनाया घाट आसानी से उपलब्ध हो जाता है। बताते चलें कि सुरक्षा की दृष्टि से शिवगंगा सरोवर में स्थित एन.डी.आर.एफ. की टीम बोट से बड़े ही मुस्तैदी के साथ गलती कर रहे हैं। एन.डी.आर.एफ. टीम की सेवा की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम होगी।