एक सफल आईपीएस के साथ-साथ किसी लेखक से कम नहीं युवा आईपीएस कांतेश मिश्र

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जनादेश न्यूज़ बिहार
बिहार डेस्क (राजीव रंजन कुमार) : मनुष्य एक बेहतर जिंदगी जीने के लिए संस्कार और परंपरा को साथ लेकर निरंतर आगे बढ़ता है. मनुष्य को बौद्धिक विरासत से प्रेरणा लेकर प्रेरित होने की आवश्यकता है जिसके सहारे इच्छा, समर्पण एवं दृढ़ संकल्प के साथ वांछित लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त कर सकते हैं, बेहतर भविष्य के लिए सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ किया गया प्रयास आपको सफलता दिलाएगी. कर्मवीर व्यक्तियों की पहचान समाज में एक अलग रूप में होती है. कर्मवीर अपने कर्तव्य पथ पर निरंतर आगे बढ़ने के साथ-साथ समाज के लिए भी सोच कर समाज को साथ लेकर चलने का प्रयास करते हैं.जिससे खासकर समाज का एक युवा वर्ग इनसे प्रभावित हो सके और इनके गुण को अपने आप में समाहित कर अपने भविष्य का निर्माण कर सकें. अतीत के नींव पर भविष्य का निर्माण करने वाले अपने कर्म पथ पर लगातार कर्मवीर की भांति निरंतर आगे बढ़ने वाले एक ऐसे ही बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं जो अपने कर्तव्यनिष्ठता और ईमानदारी के साथ साथ अपनी लेखनी के लिए भी जाने जाते हैं. जिनसे खासकर एक युवा वर्ग इनके लेखनी के कायल हैं.
एक युवा आईपीएस अधिकारी के साथ-साथ युवा हिंदी लेखक कांतेश मिश्र फिलहाल पटना ग्रामीण एसपी के पद पर सेवारत हैं. श्री कांतेश मिश्र भारतीय पुलिस सेवा परीक्षा में लगातार 2014 और 2015 बैच में क्रमश 103 और 138 रैंक हासिल कर चुके हैं. इसके पूर्व श्री मिश्र TCS में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.कांतेश मिश्र कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक (B.Tech) एवं पुलिस प्रबंधन में परास्नातक (Master Degree in Police Management) की शिक्षा हासिल की है. खास बात तो यह है की युवाओं के हित को ध्यान में रखते हुए एक पुस्तक UPSC Mains 2020 General Studies Paper 1&4 Solved Paper लिखी गई है फलस्वरूप इस पुस्तक के द्वारा वैसे युवाओं को फायदा मिलेगी जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं. भारतीय कला,संस्कृति एवं दर्शन की विशेष झलक गांवों में ही दिखती है.इसलिए श्री कांतेश मिश्र को गांवों से विशेष लगाव है जब भी इन्हें अपने पुलिसिंग के कार्य से फुर्सत मिलती है तो गांव घूमने निकल जाते हैं.श्री कांतेश मिश्र खुद बताते हैं कि इनका मन वही गांवों में ही बसता है जहां भारतीय कला संस्कृति और विरासत का दर्शन होता है.
संपूर्ण विश्व कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है वर्ष 2020 लॉकडाउन में यादों की तरह छूट गया. इस लॉकडाउन ने हरेक क्षेत्रों पर अपना प्रभाव जमाया. खासकर वैसे युवा जो अपने कर्तव्य पथ पर अपने भविष्य की तलाश कर रहे थे उन युवाओं में निराशा आ गई लेकिन उन युवाओं में एक नई ऊर्जा जोश और उमंग भरने के लिए बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी श्री कांतेश मिश्र ने इसी कोरोना काल के बीच हाल के दिनों में एक काव्य संग्रह पुस्तक की रचना की है. उस पुस्तक का नाम है “पाटलिपुत्र की छांव से” काव्य संग्रह की यह पुस्तक अमेज़न पर भी उपलब्ध है . इस पुस्तक को पढ़कर युवाओं में एक नई ऊर्जा उत्पन्न होगी जिसे युवा प्रेरणा के रूप में लेंगे.
आईपीएस अधिकारी श्री कांतेश मिश्र द्वारा लिखी गई पुस्तक का अध्ययन किशोर न्याय परिषद नालंदा के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र ने भी किया अध्ययन के पश्चात इसकी समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना काल में जो लोग निराश हो चुके हैं उन्हें इस पुस्तक के अध्ययन से नई ऊर्जा मिलेगी खासकर युवाओं के लिए यह पुस्तक प्रेरणा स्रोत है जिसे पढ़कर युवा सही रास्ते पर चलकर अपनी नई ऊर्जा के साथ खुद और समाज के लिए एक मिसाल कायम कर सकते हैं.
श्री कांतेश मिश्र वर्तमान में पटना ग्रामीण एसपी के रूप में सेवारत है और इनके द्वारा लिखी गई पुस्तक को युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत युवा इन से प्रेरित होकर अतीत की नींव पर अपने भविष्य का निर्माण करने के लिए प्रेरित होते हैं.