बिहारशरीफ : नालन्दा में एक बार फिर पुलिस की मुस्तैदी पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है । बिहारशरीफ के राँची रोड स्थित पुरानी सरकारी बस डिपो में पिछले 3 दिनों से एक वृद्ध का शव पड़ा रहा मगर लहेरी थाना पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग सकी । तीन दिन बाद मीडियाकर्मियों द्वारा खबर दिए जाने के बाद पुलिस हरकत में आयी । इसके बाद स्वयं थानाध्यक्ष दल बल के साथ डिपो पहुँचे और शव की शिनाख्त शुरू कर दी । मृतक सोहसराय थाना इलाके के मंसूर नगर निवासी 70 वर्षीय मिथलेश चौधरी है । वह पिछले 4 वर्षों से अपना घर नहीं जाता था । बस डिपो में ही रहकर जीवन गुजर बसर कर रहा था । डिपो पहुँचते ही थानाध्यक्ष अपना गुस्सा यह कह कर स्थानीय लोगों पर ही उतारने लगे कि क्यों नहीं तुमलोग हमको सूचना दिए । मगर शायद थानेदार साहब यह भूल गए कि उनकी भी जिम्मेवारी ही नहीं बल्कि कर्तव्य बनता है कि दिन हो या रात बस डिपो या अन्य वैसे सार्वजनिक स्थलों की जांच करते रहना जहाँ लोगों का आना जाना लगा रहता है । पुलिस के इस व्यवहार से स्थानीय लोगों में भी आक्रोश देखा जा रहा है । मामला चाहे जो भी हो मगर 3 दिनों तक एक सार्वजनिक स्थल पर बुजुर्ग का शव पड़ा रहा मगर पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग सकी इससे साफ जाहिर होता है कि नालंदा पुलिस का खुफिया तंत्र कितना मजबूत है ।