वारिसलीगंज चीनी मिल बचाओ सर्वदलीय संघर्ष समिति की बैठक में लिया गया कई निर्णय

नवादा
जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
वारिसलीगंज से प्रदीप कुमार के रिपोर्ट
नवादा : पिछले तीन दशक से बन्द पड़ी जिले के एक मात्र उधोग वारिसलीगंज चीनी मिल को फिर से नये सिरे से चालू अथवा पुराने मिल की जगह कोई कृषक उत्पादों से जुड़े उधोग लगवाने को लेकर रविवार को स्थानीय जिला परिषद डाक बंगला परिसर में काशीचक के पूर्व जिला पार्षद सह वारिसलीगंज विधायिका पति अखिलेश सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक आयोजित किया गया।इस दौरान वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र के प्रायःसभी दलों के कार्यकर्ता उपस्थित होकर जिले के अन्य दलों के प्रमुख नेताओं, पूर्व व वर्तमान विधायको, जिला पार्षदों व कार्यकर्ताओं को आगामी बैठक में बुलाकर जिलाधिकारी व वियाडा के अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया। बाद में राज्य स्तर के अधिकारियों एवं मंत्री तथा विधायको से संपर्क स्थापित कर पुराने चीनी मिल की जगह नया चीनी मिल या कोई किसानों के हित में उधोग लगवाने के लिए आग्रह करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए जिला स्तर पर एक सर्वदलीय सशक्त कमिटी बनाने की रूपरेखा बनाई गई।इससे पहले शनिवार को चीनी मिल पहुंचे वियाडा एवं स्क्रेपर में मिल की मशीनों को खरीदने वाले संवेदक से संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधि मंडल भेंट कर किसानों के हित में तब तक मिल की मशीनों की कटिंग नहीं करने का आग्रह किया ,जब तक कि सरकारी स्तर से मिल की जमीन पर किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने वाला कोई नया उधोग लगाने की घोषणा नहीं हो जाय। इससे पहले चीनी मिल बचाने को लेकर वारिसलीगंज के किसान-मजदूरो की कमिटी से जुड़े प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी उदिता सिंह से मिलकर ज्ञापन सौपा था।बैठक में वरिष्ठ भाजपा नेता शैलेंद्र कुमार शर्मा, भाजपा प्रखंड अध्यक्ष पूर्वी श्रीकांत बमबम, नगर भाजपा अध्यक्ष संजय कुमार मंगल, सौर मुखिया प्रतिनिधि दिलीप राउत, सुमन कुमार, कार्यानंद सिंह, मुखिया राजकुमार सिंह, चंद्रमौली शर्मा, श्रवण सिंह, विधायक प्रतिनिधि शैलेंद्र कुमार सिंह, पैक्स अध्यक्ष अरुण कुमार, पैक्स अध्यक्ष मनोज प्रसाद, संजय सिंह, आशो पासवान, मनोज सिंह, मो मोजीव अंसारी सभी पकरीबरावां समेत अन्य उत्साही लोगों ने बंद चीनी मिल की जगह किसानों के सहयोगी उधोग लगवाने के लिए संघर्ष को तेज करने में भरपूर सहयोग करने का भरोसा दिया। मौके पर जिला एवं विधानसभा स्तर पर कमिटी निर्माण की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा किया गया।कमिटी ने मांगो से सम्बन्धित डीएम को स्मार पत्र सौंपा। डीएम को सौपे गए स्मार पत्र में कहा गया है कि वारिसलीगंज विधान सभा में शामिल काशीचक व पकरीबरावा क्षेत्र के किसान मजदूर व जनप्रतिनिधियों द्वारा बैठक आयोजित कर सर्वसम्मत निर्णय लिया गया है। गौरतलब है वारिसलीगंज की 30 वर्षों से बंद पड़ी चीनी मिल की जमीन को सरकारी स्तर से बियाड़ा के हाथों सौंप दी गई है।जब कम्पनी द्वारा मिल की परिसंपत्तियों को बेचने का काम शुरू किया गया तब क्षेत्र के किसान- मजदूरों एवं जनप्रतिनिधियों में आक्रोश व्याप्त हो गया। बता दें कि वारिसलीगंज की चीनी मिल 30 वर्षों से बंद पड़ी है, जो विभिन्न चुनावों में नेताओं द्वारा इसे फिर से चालू कराने का लॉलीपॉप दिखाया जाता रहा था, परंतु सब ढाक के तीन पात हो गए। जब यह मिल बियाड़ा के हाथों सौंप दी गई, अब मिल की मशीनो को स्क्रेपर में बिक्री को ले तैयार है।