बिहार की धरती मेधा से भरी है, अब इसी गांव को लीजिये, चारों ओर फैला दीजिये बिहार का ये यशगान।, ये है बिहार का विलेज ऑफ आईआईटीयंस,

गया
जनादेश न्यूज़ गया
बिहार में एक अनोखा गांव है। प्रतिभा यहां कूट-कूट कर भरी हुई है। हर साल यहां से बड़ी संख्या में आईआईटी के लिए बच्चे चयनित होते हैं। यह गांव बिहार के गया जिले में स्थित है। यहां के मानपुर एरिया का पटवाटोली गांव कभी घर-घर में पावरलूम के लिए जाना जाता था, लेकिन यही गांव आज आईआईटी गांव के रूप में प्रख्यात हो गया है।
बन गया विलेज ऑफ आईआईटीयंस
आज इस गांव को देखकर किसी को यकीन नहीं होता कि यही वह गांव है जो कि कभी मैंनचेस्टर ऑफ बिहार के नाम से जाना जाता था। यही वह गांव था जहां चादर बनते थे। तौलिया बनता था। गमछा बना करता था, लेकिन आज यही गांव विलेज ऑफ आईआईटीयंस के नाम से मशहूर हो गया है।
1996 में शुरू हुआ था सिलसिला
इस गांव से बच्चों के आईआईटी के लिए चयनित होने का सिलसिला वर्ष 1996 में शुरू हुआ था। तब से आज तक यह लगातार चलता ही आ रहा है। कोई भी साल ऐसा नहीं जाता, जब एक दर्जन से भी अधिक स्टूडेंट्स जेईई के लिए चयनित नहीं होते हैं। सबसे बड़ी बात है कि यहां के स्टूडेंट्स किसी बड़े कोचिंग में भी पढ़ाई नहीं करते हैं। यहां के युवा आर्थिक सहयोग देकर गांव में एक लाइब्रेरी को चला रहे हैं।
सीनियर्स लेते हैं क्लासेज
यह लाइब्रेरी भी किसी आदर्श से कम नहीं है। यहां पढ़ने के लिए बच्चों को किसी तरह की कोई फीस नहीं देनी पड़ती है। जो सीनियर्स आईआईटी में पढ़ाई कर चुके हैं, वे यहां आते हैं और ऑनलाइन कोचिंग यहां के बच्चों को बिना कोई शुल्क लिए देते हैं। बिहार ही नहीं, बल्कि पूरा देश आज इस गांव पर नाज करता है।