पेंशनधारियों के लिए सभी प्रखंडों में 02 मार्च को विशेष कैम्प का किया जाएगा आयोजन

गया
जनादेश न्यूज़ बिहार
गया (मनीष कुमार) : जिला पदाधिकारी अभिषेक सिंह ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के पेंशनधारियों के जीवन प्रमाणीकरण का कार्य करने हेतु प्रत्येक प्रखंड को एक बायोमेट्रिक के साथ एक आईरिस डिवाइस उपलब्ध कराया गया है, जिससे प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा पेंशनधारियों का प्रमाणीकरण का कार्य किया जाना है। जीवन प्रमाणीकरण का कार्य करने में यदि बायोमेट्रिक में फिंगरप्रिंट से प्रमाणीकरण असफल हो जाता है, तो उस पेंशनधारी का आयरिश स्कैनर के माध्यम से प्रमाणित किया जाएगा।
वैसे पेंशनधारी जिनका फिंगरप्रिंट एवं आइरिस स्केनर दोनों के माध्यम से प्रमाणीकरण नहीं हो पाता है, तो उनके लिए दिनांक 2 मार्च, 2020 से प्रखंड स्तर पर पंचायतवार रोस्टर निर्धारण कर भौतिक प्रमाणीकरण का विशेष शिविर आयोजित किया जाना है। प्रखंड स्तर से पंचायतवार रोस्टर निर्धारित करते हुए पंचायत सचिव तथा अन्य कर्मी यथा विकास मित्र, सेविका, सहायिका अथवा अन्य को प्रतिनियुक्त किया गया है। क्षेत्रीय कर्मियों से प्रचार-प्रसार कराते हुए रोस्टर के अनुरूप प्रखंड में बुलाकर सत्यापन करना है।
*सत्यापन की प्रक्रिया* है कि वैसे पेंशनधारी जिनका प्रमाणीकरण अब अभी तक नहीं हुआ है अथवा असफल रहा है, उनका प्रमाणीकरण सर्वप्रथम फिंगरप्रिंट से कराया जाए यदि फिंगरप्रिंट से प्रमाणीकरण असफल हो जाता है, तो उनका प्रमाणीकरण आयरिश स्कैनर के माध्यम से कराया जाए। यदि फिंगरप्रिंट एवं आयरिश स्कैनर दोनों के माध्यम से प्रमाणीकरण असफल हो जाता है, तो उसे पंजी में दर्ज किया जाना है।
इसके लिए प्रत्येक पंचायत हेतु पंजी संधारित की जानी है, जिसमें भौतिक सत्यापन के साथ कुछ सूचना अंकित किया जाना है, जैसे – लाभार्थी का नाम, स्वीकृति आदेश संख्या एवं आईडी संख्या, लाभार्थी का आधार नंबर एवं सहमति पत्र, लाभार्थी का बैंक खाता संख्या एवं आईएफएससी कोड सहित, फोटो एवं पंचायत सचिव/कर्मी द्वारा सत्यापन (मेरे द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया और पाया गया कि लाभार्थी कि उक्त सूचना सही है), साथ होना अनिवार्य है।
ऐसे सभी लाभुकों का सत्यापन के समय फोटोग्राफ भी लिया जाना है। फोटोग्राफ लेते समय एक स्लेट पर उनका नाम एवं आधार संख्या अंकित कर उसे कैमरे के सामने रखते हुए फोटो लिया जाना और फोटो का पासपोर्ट साइज प्रिंट निकालकर प्रखंड में संधारित पंजी में चिपकाया जाना है, जहां पर लाभुक की अन्य सूचना अंकित हो।
सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया जाता है कि भौतिक सत्यापन उन्हीं का किया जाना है जिनका बायमैट्रिक एवं आईरिस दोनों प्रकार से सत्यापन नहीं हो सका हो, लाभार्थियों का सीधे ही भौतिक सत्यापन नहीं किया जाना है।