जानिए कितने प्रकार का होता है FIR , आपका क्या है अधिकार

हमारी नजर
जनादेश न्यूज़
कानूनी कॉलम : अगले कड़ी का अंश..। फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट (F.I.R.) हिंदी में प्रथम सूचना रिपोर्ट (विवरण) यह एक लिखित डॉक्यूमेंट (प्रमाण पत्र) होता है। यह दो प्रकार का होता है :- (1) कॉग्निजेबल (संज्ञेय) (2) नॉन कॉग्निजेबल (असंज्ञेय) ऑफेंस (अपराध)की सूचना मिलने पर पुलिस तैयार करती है। यह पीड़ित या पीड़ित की ओर से पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई जाती है।
(1) कॉग्निजेबल (संज्ञेय) अपराध के तहत पुलिस क्या करती है :- इस अपराध के तहत पुलिस दोषी व्यक्ति को बिना वारंट के पकड़ सकती है। बिना कोर्ट ऑर्डर के पुलिस मामले की इन्वेस्टिगेशन (जांच)शुरू करने के लिए ऑथराइज्ड( अधिकारी) हो सकती है।
(2) नॉन कॉग्निजेबल (असंज्ञेय) अपराध के तहत पुलिस क्या करती है :- इस अपराध के तहत पुलिस दोषी व्यक्ति को अरेस्ट करने (पकड़ने)का अधिकार नहीं होता है ,और ना ही बिना कोर्ट न्यायालय के आदेश के जांच कर सकती है।
● F.I.R. से जुड़े अधिकार :- (1) शिकायत लिखित या मौखिक हो सकती है। मौखिक शिकायत दर्ज करने पर पुलिस कर्मी से दोबारा F.I.R.सुनाने का अनुरोध कर सकते हैं।
(2) दर्ज शिकायत सुनने और पढ़ने के बाद ही आप एफ. आई आर. रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करें। अगर आप पढ़-लिख नहीं सकते हैं तो दाएं या बाएं हाथ का अंगूठा लगाना होगा।
विशेष जाने कड़ी के अगले अंक में……………..,
एडवोकेट
————– नवीन कृष्ण (सिविल कोर्ट देवघर) झारखंड।
सह
ब्यूरो जनादेश न्यूज़ देवघर झारखंड।