विकास के लिए परिवर्तन आवश्यक – दिलीप बेतकेकर

मुंगेर
जनादेश न्यूज़ बिहार
मुंगेर : विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान का विकास एक गाँव एवं 16 छात्रों से शुरु होकर वर्तमान में हजारों गाँवो एवं लाखों छात्रों तक पहुँच चुका है। इस विकास में आचार्य, प्रधानाचार्य, समिति के सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। विद्यालय का विकास प्रधानाचार्य पर निर्भर करता है। इसलिए विद्या भारती प्रधानाचार्य के गुणात्मक विकास के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण एवं सम्मेलन का आयोजन करती है। प्रधानाचार्य समाज में आगे बढ़कर नेतृत्व प्रदान करता है एवं सारी व्यवस्थाओं का प्रमुख होता है तथा अपने विचारों को समाज तक पहुँचाने एवं जोड़ने का कार्य भी करता है। वह विद्यालय के सभी प्रकार के विकास की चिंता करता है तथा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रखर प्रवक्ता होता है। आज विद्या भारती का कार्य शिक्षण के क्षेत्र में देश में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। उक्त बातें विद्या भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप बेतकेकर ने सरस्वती शिशु मंदिर सादीपुर मुंगेर में चल रहे चार दिवसीय प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन में उपस्थित प्रधानाचार्यों को संबोधित करते हुए कहीं।
आगे उन्होंने कहा कि शिक्षा का दायरा सीमित नहीं है बल्कि यह जीवन पर्यन्त चलने वाली एक प्रक्रिया है जिसमें कई चुनौतियॉं भी हैं। उन चुनौतियों को अवसर में बदलकर सामाजिक, सांस्कृतिक सोच विकासित की जा सकती है।
इस अवसर पर विद्या भारती उत्तर-पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव दिलीप कुमार झा ने कहा कि विद्या भारती का कार्य समाज आधारित है इसलिए विभिन्न गतिविधियों के द्वारा समाज को जोड़कर और उसके सहयोग से विद्या भारती के विद्यालय संचालित होते हैं। विद्या भारती के विद्यालयों का संचालन केवल छात्रों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए नहीं बल्कि समाज के लोगों के भी जीवन में परिवर्तन लाने के लिए है इसलिए विद्वत परिषद में समाज के विभिन्न बुद्धिजीवियों को जोड़कर इस कार्य को आसानी से किया जा सकता है। आगे उन्होंने कहा कि कक्षा कक्ष में बच्चों की समस्याओं को लेकर आचार्यों को शोध कर उसके परिणामों का सामाजीकरण करना चाहिए ताकि समाज के विभिन्न विद्यालयों के छात्र और शिक्षक उससे लाभान्वित हो सके। विद्या भारती द्वारा संचालित संस्कृति बोध परियोजना जो समाज को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है में समाज में चल रहे शासकीय और गैर शासकीय विद्यालय के छात्रों एवं शिक्षकों को भी सम्मिलित करना चाहिए।
आज के कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप बेतकेकर, उत्तर पूर्व क्षेत्र के संगठन मंत्री ख्याली राम, क्षेत्रीय सचिव दिलीप कुमार झा, भारती शिक्षा समिति, बिहार के प्रदेश सचिव गोपेश कुमार घोष, प्रदेश सह सचिव प्रकाश चन्द्र जायसवाल ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया।
मंचासीन अतिथियों का परिचय एवं मंच संचालन दया प्रकाश सरस्वती विद्या मंदिर, गया के प्रधानाचार्य सत्य शेखर राय के द्वारा किया गया।
सरस्वती शिशु मंदिर, सादीपुर के प्रधानाचार्य अखिलेश पाण्डेय के द्वारा विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव दिलीप कुमार झा को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। सरस्वती विद्या मंदिर, लखीसराय के प्रधानाचार्य मो0 जावेद इकबाल के द्वारा लखीसराय जिला के बारे में सभी प्रतिभागियों को जानकारी दी गई, वहीं आनन्द राम ढॉंढानिया सरस्वती विद्या मंदिर, भागलपुर के प्रधानाचार्य अनंत कुमार सिन्हा के द्वारा आज का अवतरण तथा बहन शाम्भवी द्वारा व्यक्तिगत गीत ‘‘गहन रात बीती, मिटा घन अंधेरा, नवल ज्योति….’’ गाया गया।
भारती शिक्षा समिति के प्रदेश सहसचिव प्रकाश चन्द्र जायसवाल एवं मंचासीन अतिथियों के द्वारा मुंगेर विभाग के कॉफी टेबुल बुक का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय सहमंत्री डॉ0 कमल किशोर सिन्हा, प्रांतीय प्रचार प्रमुख राकेश नारायण अम्बष्ठ, पूर्णकालिक कार्यकर्ता वीरेन्द्र सिंह, बजरंगी प्रसाद, धीरेन्द्र झा, राजेश रंजन, रामलाल सिंह, प्रांतीय कार्यालय प्रमुख निशिभूषण श्रीवास्तव, कार्यालय सहायक सुधांशु कुमार, संजय कुमार, पंकज कुमार आदि उपस्थित थे।