लोकनायक जयप्रकाश नारायण त्याग एवं बलिदान की प्रतिमूर्ति थे

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नालंदा
—जयप्रकाश नारायण महान राजनीतिज्ञ और सिद्धांतवाद के नेता थे
बिहारशरीफ : स्थानीय मध्य विद्यालय ककड़िया के प्रांगन में विद्यालय के चेतना सत्र में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 117 वीं जयंती प्रधानाध्यापक शिवेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में मनाई गयी।मौके पर बिहार अराजपत्रित प्रारम्भिक शिक्षक संघ के राज्य परिषद सदस्य राकेश बिहारी शर्मा ने जयप्रकाश नारायण के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि भारतरत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्तूबर, 1902 को बिहार के सिताबदियारा में हुआ था । इनके पिता का नाम श्री “देवकी बाबू” और माता का नाम “फूलरानी देवी” थीं। ये बचपन से ही पढने में मेधावी छात्र थे। ये महान राजनीतिज्ञ और सिद्धांतवादी नेता थे। भारत के वरदपुत्र जयप्रकाश बाबु ने हमारे देश की तन-मन-धन से सराहनीय सेवा की । लोकनायक जयप्रकाश नारायण त्याग एवं बलिदान की प्रतिमूर्ति थे। जयप्रकाश नारायण जी ने भारतीय जनमानस पर अपना अमिट छाप छोड़ी है। जयप्रकाश जी का समाजवाद का नारा आज भी भारत के कण-कण में गूँज रहा है। जयप्रकाश जी के योगदानों के बारे में हम जितना कहें वह कम है। ये अत्यन्त परिश्रमी व्यक्ति थे। इनकी विलक्षणता की तारीफ़ स्वयं महात्मा गांधीजी और जवाहरलाल नेहरू जैसे लोग किया करते थे। भारत माता को आजाद कराने हेतु इन्होंने तरह-तरह की परेशानियों को झेला किन्तु इन्होंने अंग्रेज़ों के सामने घुटने नहीं टेके। लोकनायक बाबू जयप्रकाश नारायण ने स्वार्थलोलुपता में कोई कार्य नहीं किया। वे देश के सच्चे सपूत थे और उन्होंने निष्ठा की भावना से देश की सेवा की है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये लोकनायक जयप्रकाश नारायण को मरणोपरान्त भारत सरकार ने 1998 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। उनके बताये मार्ग पर चलकर ही सम्पूर्ण क्रांति को पूरा किया जा सकता है। जयप्रकाश बाबु का सम्पुर्ण जीवन सदा आम लोगों के लिए समर्पित था। वे सामाजिक समरसता, सामाजवाद के साथ-साथ सामाजिक न्याय के प्रति समर्पित थे।
इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक सच्चिदानंद प्रसाद, अरविन्द कुमार शुक्ला, जितेन्द्र कुमार मेहता, अनुज कुमार, बाल संसद के प्रधानमंत्री रौशन कुमार, उपप्रधानमंत्री कुमकुम कुमारी, मेनका कुमारी, मोनी कुमारी, काजल कुमारी, नेहा कुमारी, रानी कुमारी, मुस्कान कुमारी, रिंकी कुमारी, आरती कुमारी, वर्षा कुमारी, शोभा कुमारी, अंजनी कुमारी, निगम कुमार, प्रताप कुमार, चंद्रमणि कुमार, गुड्डू कुमार, नवलेश कुमार, सौरभ कुमार, उजाला कुमार, गौतम कुमार आदि सहित सैकड़ों छात्र-छात्रा मौजूद थे।