लालू प्रसाद की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई आज, जमानत मिली तो होंगे जेल से बाहर

झारखंड
जनादेश न्यूज़ झारखंड
रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में आज सुनवाई होगी. अगर जमानत मिली तो राजद सुप्रीमो जेल से रिहा हो सकते हैं. फिलहाल लालू प्रसाद के समर्थकों और परिजनों की नजर हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी है. यह याचिका हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. इससे पहले लालू प्रसाद की ओर से अदालत में जवाब पेश कर बताया गया था कि, उन्होंने 42 महीने की अवधि जेल में पूरी कर ली है, यह उन्हें दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में मिली सजा की आधी है. इसलिए उन्हें जमानत दी जाए.
जेल में रहे 42 महीने
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में पूर्व में बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कपिल सिब्बल और सीबीआई के अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा था. अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने जमानत का विरोध किया था. उन्होंने कहा था लालू प्रसाद ने नियमानुसार 42 महीने की अवधि जेल में पूरी नहीं की है. इसी पर अदालत ने लालू प्रसाद के अधिवक्ता को जवाब पेश करने को कहा था और जवाब में यह बताने के लिए भी कहा था कि कब-कब आप इस मामले में जेल में रहे हैं. इसकी सत्यापित कॉपी जवाब के साथ पेश करें. इसी के आलोक में लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने अदालत में निचली अदालत की सत्यापित कॉपी के साथ जवाब पेश किया था.
लालू एम्स में भर्ती
बता दें कि लालू प्रसाद को चारा घोटाला के 4 मामले में निचली अदालत से सजा दी गई है. जिसमें 3 मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है. यह चौथा मामला है जिसमें जमानत मिलते ही वे जेल से रिहा हो जाएंगे. फिलहाल लालू प्रसाद की तबीयत खराब होने के कारण एम्स ले जाया गया है, वहीं इलाज करा रहे हैं. देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में उन्हें साढ़े 3 साल की सजा दी गई थी, जिसमें उन्हें पहले ही बेल दे दिया गया है. चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में उन्हें निचली अदालत से 5 साल की सजा दी गई थी. उस मामले में भी उन्हें जमानत दे दी गई है. अब अंतिम मामला दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामला का है. इसमें सीबीआई की निचली अदालत से 7 साल की सजा दी गई है.
चारा घोटाला का पूरा मामला
27 जनवरी 1996 को पश्चिम सिंहभूम जिले में पशुधन विभाग पर तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे के छापे के दौरान पता चला कि चारा सप्लाई के नाम पर जिन कंपनियों को भुगतान किया गया था, उन कंपनियों का अस्तित्व ही नहीं था. जांच में अलग अलग कोषागारों से करीब 950 करोड़ रुपए का घोटाला पाया गया.
चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी
चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपए और 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी हुई थी. इस मामले में 3 अक्टूबर 2013 को सजा का ऐलान हुआ. दोनों मामले में लालू को 5-5 साल की सजा सुनाई गई. पहले मामले में 13 दिसंबर 2013 और दूसरे मामले में 9 अक्टूबर 2020 को हाईकोर्ट से जमानत मिली.
देवघर कोषागार केस
देवघर कोषागार से 84.53 लाख की अवैध निकासी हुई थी. इस मामले में 23 दिसंबर 2017 को सजा का ऐलान हुआ. लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई. 12 जुलाई 2019 को हाईकोर्ट ने लालू को जमानत दे दी.
दुमका कोषागार केस
दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ की निकासी हुई थी. 24 मार्च 2018 को सजा का ऐलान हुआ. कोर्ट ने लालू यादव को दो धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई और 60 लाख का जुर्माना भी लगाया. इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान लालू यादव की ओर से अदालत में बताया गया था कि उन्होंने 42 महीने की अवधि जेल में पूरी कर ली है. इसलिए उन्हें जमानत दी जाए. इस मामले में 29 जनवरी को सुनवाई होनी है.
डोरंडा कोषागार केस
डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का मामला है. सीबीआई की विशेष अदालत में इस केस की सुनवाई चल रही है.
23 दिसंबर 2017 से जेल में बंद हैं लालू
लालू यादव 23 दिसंबर 2017 से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. उनका रांची के रिम्स में इलाज चल रहा था. फिलहाल वे दिल्ली एम्स में हैं. 2018 में वे दो बार जेल से बाहर आए. बेटे तेज प्रताप की शादी में उन्हें पैरोल मिला और कोर्ट ने इलाज कराने लालू को 6 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी.