मुंगेर के झौआ बहियार दियारा में पुलिस व अपराधियों के बीच मुठभेड़,पचास हजार रूपए का इनामी अपराधी मृत्युंजय यादव गिरफ्तार।

मुंगेर
जनादेश न्यूज़ मुंगेर
मुंगेर ( गौरव मिश्रा) पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के नेतृत्व में हरिणमार दियारा इलाके में चलाए गए ऑपरेशन के दौरान पचास हजार रूपए के इनामी अपराधी मृत्युंजय यादव उर्फ करका और उसके सहयोगी श्याम पटेल उर्फ श्याम सिंह को गिरफ्तार किया गया। मुंगेर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह को सूचना मिली थी कि हरिणमार थाना अंतर्गत झौआ बहियार साहिब दियारा में कुछ अपराधियों का जमावड़ा हुआ है तथा किसी व्यक्ति की हत्या के इरादे से अपराधी एकजुट हो रहे हैं। सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा आवश्यक रणनीति बनाने के बाद दियारा इलाके की दुर्गम भौगोलिक स्थिति को देखते हुए एसटीएफ़ से भी सहयोग मांगा गया। एसटीएफ की टीम मुंगेर पहुंची और इसके बाद एसटीएफ़ एसओजी वन और मुंगेर जिला पुलिस बल की संयुक्त टीम का गठन किया गया। टीम को एसपी खुद लीड कर रही थी। एसपी लिपि सिंह के नेतृत्व में गठित टीम में अपर पुलिस अधीक्षक सह अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर हरिशंकर कुमार, एसआईओयू प्रभारी इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह, एसटीएफ़ एसओजी वन के सब इंस्पेक्टर विकास कुमार, कासिम बाजार थानाध्यक्ष शैलेश कुमार, जमालपुर थानाध्यक्ष रंजन कुमार तथा एसटीएफ़ और जिला पुलिस बल के जवान शामिल थे। एसपी के नेतृत्व में एसटीएफ और जिला पुलिस बल की टीम दियारा इलाका पहुंची। लगभग दो किलोमीटर आगे जाने के बाद मक्के के खेत में छुपे अपराधियों द्वारा अचानक फायरिंग शुरू कर दी गई। अपराधियों की फायरिंग के जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की और पुलिस के जवानों ने इलाके की घेराबंदी की और फायरिंग करते हुए आगे बढ़ते रहे। एसपी के नेतृत्व में पुलिस बल जमीन के बल लेटकर क्रालिंग करते हुए टीम आगे बढ़ी और इसी दौरान फायरिंग कर रहे इनामी अपराधी मृत्युंजय यादव उर्फ को एक पुलिस राइफल के साथ गिरफ्तार किया गया। उसके सहयोगी श्याम पटेल उर्फ श्याम सिंह को एक डीबीबीएल गन के साथ गिरफ्तार किया गया। पुलिस राइफल और डीबीबीएल से ही अपराधी लगातार फायरिंग कर रहे थे। अपराधियों ने पुलिस राइफल को मोडीफाय कर दिया था ताकि पहली नजर में यह पहचान में नहीं आए। पुलिस कार्रवाई के दौरान हथियारों और गोलियों की बरामदगी भी हुई है। गिरफ्तार अपराधियों ने स्वीकार किया है कि वे लोग वीर सिंह यादव की हत्या की योजना बना रहे थे। इसके अलावा मृत्युंजय यादव ने अपनी सगी भाभी की हत्या की योजना भी बनाई थी। अपराधियों द्वारा डबल मर्डर की साजिश बनाई गई थी जो कि पुलिस कार्रवाई के कारण नाकाम हो गई।  गिरफ्तार अपराधी मृत्युंजय यादव काफी शातिर अपराधी है। इसके खिलाफ अब तक सात मामले दर्ज हो चुके हैं। हत्या के चार मामले उसके खिलाफ दर्ज हो चुके हैं। हत्या के दो मामलों में यह फरार था तथा हत्या के दूसरे मामलों में इसकी जमानत भी टूट गई थी। मृत्युंजय यादव ने अपने भाई मुकेश यादव की हत्या पिछले साल 5 मई को कर दी थी। अपने भाई मुकेश यादव की हत्या के मामले में यह अपराधी फरार चल रहा था। इसके अलावा पुल बनाने वाले ठेकेदार से भी इसमें रंगदारी मांगी थी। दोनों मामलों में पुलिस ने इसको फरार दिखाते हुए आरोप पत्र समर्पित किया था तथा कुर्की जब्ती की कार्रवाई की थी। अपने भाई मुकेश यादव की हत्या इतनी संपत्ति विवाद के कारण इसने की थी। मुकेश यादव हत्याकांड की सूचक निशा देवी इसकी भाभी है और अपनी भाभी की हत्या की योजना इसने बनाई थी। कुछ दिनों पहले खगड़िया में भी इसने फायरिंग की थी। गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ में कई अन्य जानकारियां मिली हैं। पुलिस द्वारा फायरिंग का ब्योरा- मुठभेड़ के दौरान एसपी लिपि सिंह द्वारा अपने सरकारी एके-47 से दो चक्र, अपर पुलिस अधीक्षक सह अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर हरिशंकर कुमार द्वारा सरकारी पिस्टल से दो चक्र, एसटीएफ एसओजी वन के सब इंस्पेक्टर विकास कुमार द्वारा सरकारी पिस्टल से दो चक्र, कासिम बाजार थानाध्यक्ष द्वारा अपने सरकारी पिस्टल से दो चक्र, जेसी 229 विमलेश कुमार द्वारा सरकारी पिस्टल से दो चक्र, जेसी 17 राजेश कुमार द्वारा एके-47 से दो चक्र, जेसी 91 असमिर कुमार द्वारा अपने सरकारी एके-47 से दो चक्र तथा जेसी 798 अंजन कुमार द्वारा अपने सरकारी एके-47 से 3 चक्र फायरिंग की गई। अपराधियों द्वारा तकरीबन 50 से 60 राउंड फायरिंग की गई। पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ द्वारा बरामद आग्नेयास्त्र और गोलियां थ्री नॉट थ्री पुलिस राइफल 1 डीबीबीएल बंदूक 1 देसी पिस्तौल 303 ( थ्री नॉट थ्री) की गोलियां 8 303 का खोखा 3 315 (थ्रीफिफ्टीन)की गोलियां 11
.315 का खोखा 8 12 बोर की गोली 10 12 बोर का खोखा 2