बीडीओ हत्याकांड के सभी आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त

शेखपुरा
जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
शेखपुरा : जिले के चर्चित अरियरी प्रखंड के बीडीओ अरविंद कुमार मिश्रा हत्याकांड में सभी आरोपी दोषमुक्त हो गए हैं। मंगलवार को सिविल कोर्ट शेखपुरा के एडीजे तृतीय संजय सिंह ने बीडीओ हत्या के आरोपी पूर्व मुखिया राजेश रंजन उर्फ गुरुजी, नवीन चौरसिया, राजीव कुमार ,मुकेश कुमार और रंजीत सिंह को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। इस मामले में पूर्व में ही पिंटू महतो और बच्चू महतो को भी साक्ष्य के अभाव में रिहा किया जा चुका है। इस संबंध में जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक शंभू शरण सिंह ने बताया कि अज्ञात अपराधियों ने 22 जून 2008 को अरियरी के तत्कालीन बीडीओ अरविंद कुमार मिश्रा की दिनदहाड़े हत्या गोली मारकर कर दी थी। हत्या के समय बीडीओ जिला मुख्यालय स्थित राजोपुरम मोहल्ले में अपने निजी आवास में थे। इस घटना में अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने 7 लोगों के खिलाफ न्यायालय में भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी 302 तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था। जहां इन लोगों के खिलाफ न्यायालय द्वारा आरोप गठन कर न्यायिक कार्रवाई शुरू हुई। बीडीओ की हत्या के पीछे शिक्षक नियोजन में किए गए गड़बड़ी को छिपाने संबंधी तथ्य तथा विकास योजना के क्रियान्वयन संबंधी गड़बड़ी के मामले पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में पाया था। हालांकि न्यायालय में विचरण के दौरान अभियोजन द्वारा 32 गवाह प्रस्तुत किए गए। लेकिन इसमें घटना के समर्थन करने वाले की संख्या बहुत ही कम रही। गवाह के रूप में मृतक बीडीओ की धर्मपत्नी ने भी न्यायालय में गवाही नहीं दी। बीडीओ के कार्यालय कर्मियों ने कोर्ट में गवाही दी। परंतु घटनास्थल पर इन लोगों की मौजूदगी नहीं रहने के कारण इन लोगों ने भी घटना का समर्थन नहीं किया। हालांकि पुलिस और डाक्टर ने घटना का पूरी तरह समर्थन किया। इस मामले में नाम आने के बाद सभी लोगों को जेल जाना पड़ा। बाद में सभी को न्यायालय द्वारा जमानत की सुविधा भी मिली। इस प्रकार जिले के इस सनसनीखेज हत्या का परिणाम भी शून्य में प्राप्त हुआ। न्यायालय से बरी किए गए सभी लोगों ने न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए बताया कि इन सभी को संदेह के आधार पर स्थानीय राजनीति के तहत इस जघन्य हत्याकांड में झूठा फंसा दिया गया था। 14 साल के न्यायिक कार्रवाई के बाद इन लोगों को न्याय प्राप्त हुआ। इसके पूर्व अरियरी के ही एक और अरियरी के बीडीओ अशोक राज वत्स की हत्या के मामले में भी सभी आरोपी रिहा किए जा चुके हैं । उसी प्रकार कांग्रेस के दिग्गज और पूर्व सांसद बिहार सरकार के मंत्री राजो सिंह की हत्याकांड में भी एक भी व्यक्ति दोषी नहीं पाए गए थे। जानकारों ने बताया कि इन सभी हाई प्रोफाइल हत्याकांड में मृतक के परिजन और अन्य सक्षम गवाहों द्वारा न्यायालय में आकर घटना का समर्थन नहीं करने को लेकर न्यायालय द्वारा उपलब्ध तथ्यों के आधार पर रिहा करने का आदेश जारी करना पड़ता है।