फर्जी सर्टिफिकेट पर जमानत लेने की कोशिश करने वाले पिता-पुत्र एवं सक्रिय गिरोह पर एफ आई आर दर्ज करने का आदेश

नालंदा बिहार शरीफ
जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
नालंदा : फर्जी सर्टिफिकेट पर जघन्य मामलों में बालिग अभियुक्तों को नाबालिग बताकर किशोर न्याय अधिनियम का फायदा लेकर जमानत लेने वाले संगठित गिरोह का आज भी कारनामा जारी है. नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद में गिरोह की सक्रियता एक बार फिर से देखी जा रही है जहां फर्जी सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने वाले रैकेट के सक्रिय सदस्य द्वारा फर्जी सर्टिफिकेट बना कर किशोर न्याय बोर्ड में पेश किया जाता है ताकि अभियुक्त को किशोर न्याय कानून का लाभ मिल सके. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद में एक आरोपी ने जमानत लेने के लिए किशोर न्याय बोर्ड में उम्र सत्यापन सर्टिफिकेट के रूप में आठवीं क्लास का विद्यालय स्थानांतरण प्रमाण पत्र जमा किया. किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी आशीष रंजन की सक्रियता से सर्टिफिकेट पर संदेह होने के बाद सर्टिफिकेट की बारीकी से जांच कराई गई. जांच के क्रम में सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया. लहेरी थाना कांड संख्या 115/ 2021 का अभियुक्त नालंदा जिले के सिलाव थाना क्षेत्र अंतर्गत बरनौशा गांव निवासी पप्पू प्रसाद का पुत्र हर्षकांत यश उर्फ हर्ष माफिया अपने आप को किशोर बताते हुए किशोर न्याय परिषद में उम्र सत्यापन हेतु अरवल जिले के मध्य विद्यालय वीथरा का स्थानांतरण प्रमाण पत्र दाखिल किया जिसमें दावेदार हर्ष का जन्म तिथि 2-10-2005 अंकित है. प्रमाण पत्र पर संदेह होने के बाद किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी आशीष रंजन में प्रमाण पत्र की बारीकी से जांच कराया और जांच के क्रम में दावेदार हर्ष माफिया का काउंसलिंग किया गया जिसमें उसने खुद यह स्वीकार किया कि वह बिहारशरीफ के बड़ी पहाड़ी स्थित उच्च विद्यालय से मैट्रिक का परीक्षा दे चुका है जिसमें उसका जन्म तिथि 11-3-2000 है.हर्ष माफिया उसके पिता और सक्रिय गिरोह के सदस्यों ने किशोर न्याय अधिनियम का फायदा लेने के उद्देश्य से किशोर न्याय परिषद में फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया जो जांच में फर्जी पाया गया.
कोर्ट में फर्जी आयु प्रमाण पत्र जमा करने वाले पिता-पुत्र एवं फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले सक्रिय गिरोह पर किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी आशीष रंजन ने बिहार थानाध्यक्ष को एफ आई आर दर्ज करने का आदेश दिया है. जघन्य अपराध के मामले में अपने आप को किशोर न्याय अधिनियम का लाभ लेने की लालसा में अभियुक्त हर्षकांत यस उर्फ हर्ष माफिया तथा उसके पिता पप्पू प्रसाद ने परिषद को गुमराह करना चाहा लेकिन वह इस मंसूबे में नाकाम साबित हुआ. और फर्जी प्रमाण पत्र दाखिल करने के मामले में किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी आशीष रंजन बिहार थाना के थानाध्यक्ष को पिता पुत्र और फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले सक्रिय गिरोह पर एफ आई आर दर्ज करने का आदेश दिया है. गौरतलब हो कि इसके पूर्व भी नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद की सक्रियता से फर्जी सर्टिफिकेट गिरोह के सदस्यों का खुलासा हुआ था इतना ही नहीं कुछ लोगों को चिन्हित कर एफ आई आर भी दर्ज किया गया बावजूद आज तक पुलिस के द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.