न्यायाधीशों के लिए न्यायिक सेवा नौकरी नहीं बल्कि लोक सेवा का आयाम है, जिसके लिए उन्हें हर प्रकार के त्याग के लिए तत्पर रहना होगा : न्यायमूर्ति एम आर शाह

नालंदा
 जनादेश न्यूज़ बिहार
 पटना : आज बिहार न्यायिक अकादमी के तत्वावधान में बिहार न्यायिक सेवा के 30 वीं बैच के प्रशिक्षु न्यायिक पदाधिकारियों के प्रेरण कार्यक्रम के समापन पर समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एम आर शाह, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संजय करोल, न्यायमूर्ति श्री राजन गुप्ता और न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह मंचासीन हुए, तथा पटना उच्च न्यायालय के कई अन्य न्यायाधीश भी बिहार न्यायिक अकादमी के सभागार में उपस्थित हुए।
प्रशिक्षु न्यायिक पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति एम आर शाह ने उन्हें न्याय कार्य के संचालन के लिए कई प्रेरक बातें समझाई, और कहा कि न्यायाधीशों के लिए न्यायिक सेवा नौकरी नहीं बल्कि लोक सेवा का आयाम है, जिसके लिए उन्हें हर प्रकार के त्याग के लिए तत्पर रहना होगा। 

पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संजय करोल ने इस बैच के 337 न्यायिक पदाधिकारियों में 132 महिलाओ की संख्या बताते हुए उनकी भागीदारी की सराहना की। इस अवसर पर पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजन गुप्ता, और न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह जो कि बिहार न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष है, ने भी संबोधित किया। 
कार्यक्रम की शुरुआत में बिहार न्यायिक अकादमी के निदेशक आलोक कुमार पांडेय ने स्वागत भाषण किया और धन्यवाद ज्ञापन अपर निदेशक भारत भूषण भसीन द्वारा किया गया। जबकि मंच संचालन सहायक निर्देशिका सुचित्रा ने किया।