नव नालंदा महाविहार में आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रतियोगिताओं का आयोजन, बोले नालंदा एसपी “स्वतंत्रता का अर्थ उत्तरदायित्व”

शेखपुरा
जनादेश न्यूज़ नालंदा
बिहारशरीफ : नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालंदा के परिसर में 19 जुलाई, 2021 को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय , भारत सरकार के सहयोग से आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत दिव्यांग जनों के लिए ” आओ , याद करें बलिदानियों को” विषय पर निबंध प्रतियोगिता एवं सर्वसाधारण विद्यार्थियों के लिए ” आओ, स्वतंत्रता की रक्षा करें ” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । महाविहार के अतिरिक्त नालंदा के आस-पास स्थित विभिन्न संस्थानों के विद्यार्थियों ने भाग लिया । दोनों प्रतियोगिताओं में प्रत्येक में श्रेष्ठ चार विद्यार्थियों को क्रमश: पाँच हज़ार, चार हज़ार, तीन हज़ार तथा दो हज़ार के पुरस्कार प्रदान किए गए । निबंध-प्रतियोगिता में दिव्यांग- विजेताओं के नाम इस प्रकार हैं –
1. धीरज कुमार
2. हरदेव प्रसाद
3. सुदर्शन कुमार
4. सीमा कुमारी
पोस्टर प्रतियोगिता में विजेताओं के नाम इस प्रकार हैं-
1. नेहा राज ( हिन्दी विभाग, नव नालंदा महाविहार )
2.मधु कुमारी
3.शंकर सुमन
4. सुधा कुमारी
मुख्य अतिथि नालंदा के एसपी हरि प्रसाद एस ने कहा-
आज बलिदानियों को याद करना ज़रूरी है। इन प्रतियोगिताओं के सभी प्रतिभागियों को बधाई। इतिहास का डॉक्यूमेंटेशन बहुत कम हुआ है। फ्रीडम मीन्स रेसपोन्सिबिलिटी । हम सबको उत्तरदायी होना चाहिए। अपने काम को अच्छे से करें। शिक्षा से लिबर्टी आती है, आइडियाज़ आते हैं। शिक्षा से स्वतंत्रता के विचार आते हैं। नव नालंदा महाविहार में बहुत अच्छा माहौल है, इस हेतु मैं बधाई देता हूं।
विशिष्ट अतिथि उपेन्द्र भाई त्यागी ने कहा कि हमारे प्राचीन विश्व विद्यालय हमारे ज्ञान के केंद्र थे। हमें प्राचीन गौरव को वापस लाना होगा। रोटी और कमल हमारे दो महत्त्वपूर्ण प्रतीक हैं। अखंड भारत की कल्पना है, हमारी।
कुलपति प्रो वैद्यनाथ लाभ ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा – भारत की बहुत प्राचीन परम्परा है। हमें उस पर गर्व है। हमें स्वतंत्रता बहुत सारे बलिदान के बाद मिली है। लगता था कि स्वतंत्रता स्वप्न है। हमें इसे सुरक्षित रखना है। हमारी संस्कृति, हमारी भाषाएँ हमें देश के लिए ऊर्जा देती हैं। हमें इस देश पर गर्व है, जहाँ हमने जन्म लिया। हमें इसकी संरक्षा के प्रति सदा सचेष्ट रहना है।” वसुधैव कुटुंबकम ” भारत की आत्मा है।
संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो विजय कर्ण ने कहा कि स्वतन्त्रता तथा शहीदों को याद करने के लिए यह आयोजन है। यह हमारी सांस्कृतिक प्रतिबद्धता का प्रतिफलन है।
कार्यक्रम संचालक डॉ नरेंद्र दत्त तिवारी ने कहा कि यह कार्यक्रम हमारी अस्मिता को दर्शाता है। इसमें प्रतिभागिता करते हुए छात्रों ने हम सबका उत्साह बढ़ाया है।
इस अवसर पर नव नालंदा महाविहार की प्रथम महिला डॉ नीहारिका लाभ के साथ, आचार्यगण, शिक्षकेतर सहयोगी, शोधछात्र, अन्य छात्र तथा विभिन्न संस्थानों के छात्र एवं अभिभावक उपस्थित थे।