जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नालंदा
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जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर आज जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक आहूत की गई।
सिविल सर्जन को 3 दिनों के अंदर जिला के सभी निबंधित एवं गैर निबंधित चिकित्सा संस्थानों को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया।
सभी संस्थानों को जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली-2016 के प्रावधानों से अनिवार्य रूप से अवगत कराने को कहा गया। सभी संस्थानों को नोटिस देते हुए 30 अक्टूबर तक एक्ट के प्रावधान के अनुरूप जैव चिकित्सा अपशिष्ट के पृथकीकरण हेतु अलग-अलग रंगों के डस्टबिन की व्यवस्था तथा अपशिष्ट के निस्तारण के लिए निबंधित संस्था के साथ इकरारनामा सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया।
चिकित्सा संस्थानों में मुख्य रूप से चार अलग-अलग रंगों के डस्टबिन की व्यवस्था होनी चाहिए। लाल डस्टबिन में प्लास्टिक ट्यूब /बोतल आदि जैसे रीसाइक्लिंग हेतु उपयुक्त अपशिष्ट, पीले डस्टबिन में बॉडी पार्ट्स/कॉटन आदि जैसे अपशिष्ट, काले डस्टबिन में म्युनिसिपल अपशिष्ट तथा नीले डस्टबिन में निडल/ब्लेड आदि जैसे अपशिष्ट को पृथक रखा जाना है।
इन सभी जैव अपशिष्टों को जैव चिकित्सा अपशिष्ट हेतु निबंधित संस्था के माध्यम से निस्तारित किया जाना है।
जिलाधिकारी ने कहां कि 30 अक्टूबर के बाद सभी संस्थानों की जांच कराई जाएगी। जो भी संस्थान जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली-2016 के प्रावधान का अनुपालन नहीं करते पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध नियमानुसार फाइन लगाने/ निबंधन रद्द करने /संस्था को बंद करने तथा प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
बैठक में सिविल सर्जन, उप नगर आयुक्त, डीपीएम एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।