जिला पंचायत संसाधन केन्द्र के पदाधिकारियों के साथ हरदेव भवन में समीक्षात्मक बैठक

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नालंदा
जिला पंचायत राज पदाधिकारी की अध्यक्षता में सभी BPRO तकनीकी सहायक, बिहार विकास मिशन एवं जिला पंचायत संसाधन केन्द्र के पदाधिकारियों के साथ हरदेव भवन में समीक्षात्मक बैठक की गई। जिसमें बैठक का विषय जल जीवन हरियाली पंचायत सरकार भवन का निर्माण, क्रियाशीलता एवं निर्माणाधीण पंचायत सरकार भवनों की अद्यतन स्थिति, सात निश्चय योजनाओं का अनुश्रवण GPDP BPDP, IOT device एवं अन्य पंचायती राज योजनाओं को शामिल किया गया।
जल जीवन हरियाली योजना अन्तर्गत सार्वजनिक कुआँ का जीर्णोधार एवं शोख्ता निर्माण योजना के संबंध में जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने निदेश दिया है कि जल्द ही एकीकृत रूप से सार्वजनकि कुओं का जीर्णोधार सोख्ता निर्माण कार्य, सार्वजनिक कुओं को चेनपुली, गिलकवर का अधिष्ठापन, चबुतरा एवं पैरोपेट का निर्माण कार्य का शुभारंभ करना है। ज्ञातव्य है कि अबतक नालन्दा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 853 कुओं का जीर्णोधार कार्य किया जा चुका है जो राज्य स्तर पर प्रथम स्थान पर है।
पंचायत सरकार भवनों की क्रियाशीलता एवं निर्माण की समीक्षा करते हुए डीपीआरओ ने निदेश दिया है कि पंचायत सरकार भवनों में रोस्टर के मुताबिक पंचायत एवं अन्य कर्मियों को रोस्टर के अनुसार दैनिक कार्यों का निष्पादन करेगें। सभी BPRO को निदेश दिया गया है कि रोस्टर के अनुसार कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करेगे तथा प्रतिदिन एक PSB का औचक निरीक्षण कर प्रतिवेदन जिला को भेजेगे RTPS पर आनेवाले आवेदनों को कार्यपालक सहायक प्रतिदिन रजिस्टर पर अंकित करते हुए ससमय निष्पादन करेगे। सभी BPRO को DPRO ने निदेशित किया है कि पंचायत सरकार भवन विहिन पंचायतों में पंचायत सरकार भवन निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता अंचला अधिकारी से प्राप्त कर संबंधित प्रतिवेदन
15 जनवरी तक Google Doc पर Update करवाना सुनिश्चित करें। ज्ञातव्य हो कि अबतक नालन्दा जिले में 139 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन नहीं है। जिनके निर्माण हेतु भुमि का चयन करना है।
साथ ही सभी BPRO को निदेश दिया गया है कि पंचायती राज विभाग द्वारा क्रियान्वित योजनाओं एवं भवनों के निर्माण कार्य में सामान्य ईट के स्थान पर I.S.I. प्रमाणित एजेंसी / फर्म द्वारा निर्मित फ्लाई ऐश ईट / ब्लॉक का उपयोग करवाना सुनिश्चित करे जो कि पर्यावरण एवं मृदा सुरक्षा के दृष्टिकोण से वातावरण के अनुकुल है।
GPDP योजना का अनुश्रवण करते हुए डीपीआरओ ने निदेश दिया कि सभी प्रखण्डों में बने हुए ग्राम सभा शिड्यूल के अनुसार ग्राम सभा की बैठक करवाना सुनिश्चित करना है। ज्ञातव्य हो कि प्रथम ग्राम सभा का आयोजन 1 जनवरी 2022 से 8 जनवरी 2022 के मध्य एवं द्वितीय ग्राम सभा का आयोजन 24 जनवरी 2022 एवं 31 जनवरी, 2022 के मध्य करवाना सुनिश्चित करेगे तथा ग्राम सभा में कोरोना गाईडलाईन का भी पूरा ख्याल रखेगे। साथ ही साथ WIMC की बैठक कर वार्ड सचिव का चुनाव 15 जनवरी तक सुनिश्चित करवाये।
IOT Device क्रियाशीलता के संबंध में डीपीआरओ ने निदेश दिया है कि सभी तकनीकी सहायक IOT Portal क्रियाशलीता संबंधित पंचायतवार रिपोर्ट डाउनलोड कर स्थलीय निरीक्षण करते हुए अक्रियाशील IOT Device को करना सुनिश्चित करेगे एवं सभी BPRO IOT Device क्रिशीलता का अनुश्रवण कर एक सप्ताह के अंदर अपना प्रतिवेदन जिला को सौपेगे।
सभी तकनीकी सहायक एवं BPRO को निदेश दिया गया है कि सात निश्चय योजना अन्तर्गत CGRC Portal में ग्रामीण के द्वारा किये जा रहे शिकायतों को ससमय दूर करना सुनिश्चित करे तथा सभी आवेदनों का निष्पादन एक सप्ताह के अंदर कराना सुनिश्चित करे। ज्ञातव्य हो कि पंचायती राज विभाग के कार्यों की समीक्षा कंपोजिट रैंकिंग के
माध्यम से की जा रही है। डीपीआरओ ने बताया कि सभी प्रखण्डों, तकनीकी सहायकों एवं लेखापाल का सभी योजनाओं में उनके प्रदर्शन के आधार पर रैकिंग तैयार किया गया है। डीपीआरओ द्वारा रैकिंग में निचले पायदन से पाँच तकनीकी सहायक (अनुपम कुमारी, एकलव्य कुमार, अमित कुमार, मो० दानिश एवं रितिकेश गौरव) से स्पटीकरण पूछा गया है एवं उन्हे चेतावनी देते कहा गया कि प्रदेशन में सुधार किये जाए अन्यथा अनुशासत्मक कार्रवाई की जाएगी।
नालन्दा में महिला प्रतिनिधियों की बढ़ती हुये संख्या में खुशी जाहिर करते हुए डीपीआरओ ने बताया कि इस बार जिला परिषद् सदस्य के रूप में कुल 34 सदस्यों में 21 महिला सदस्य (करीब 62% ) एवं पंचायत चुनाव में कुल 231 पंचायतों में 124 महिला मुखिया (करीब 54% ) की भागीदारी नालन्दा में महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण बना है। वही सरमेरा प्रखण्ड में 8 पंचायतों के सभी 8 महिला मुखिया ने जीत हासिल कर समाज में महिला सशक्तिकरण का एक विशेष उदाहरण पेश किया है।
डीपीआरओ ने बताया कि यह देखा जाता है कि भले ही चुनाव में महिला प्रतिनिधत्व बढ़ा हो लेकिन उनके कार्यक्षेत्र की जिम्मेदारी अब भी सीमित ही नजर आती है अधिकांश पंचायतों से ऐसी खबरें आती रहती है, जहाँ महिला मुखिया के पति, पिता या पुत्र ही उनका सारा काम करते है, महिला प्रतिनिधि सिर्फ चेहरा बनकर रह जाती है। इस संदर्भ में डीपीआरओ ने सभी BPRO एवं तकनीकी सहायक को निदेश देते हुए बताया कि पंचायत अन्तर्गत सभी सभाएँ एवं अन्य कार्यों में महिला मुखिया / प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाय।