जिलाधिकारी ने पादुका औद्योगिक स्वाबलंबी सहयोग समिति मोरातालाब में संचालित प्रशिक्षण संस्थान का किया निरीक्षण

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नालंदा
प्रशिक्षणरत लोगों तथा पादुका बनाने वाले स्थानीय लोगों से भी व्यवसाय को बढ़ाने को लेकर किया विचार-विमर्श
छोटी-छोटी सहयोग समितियां बनाकर इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं अन्य योजनाओं के तहत उपलब्ध कराया जाएगा अनुदानित ऋण
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जिला पदाधिकारी श्री योगेंद्र सिंह ने आज मोरातालाब स्थित पादुका औद्योगिक स्वाबलंबी सहयोग समिति लिमिटेड रहुई के प्रशिक्षण संस्थान का निरीक्षण किया।
इस प्रशिक्षण संस्थान का संचालन उद्योग विभाग बिहार एवं बिहार कौशल विकास मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान, आगरा द्वारा किया जा रहा है ।
इस संस्थान में पादुका डिजाइनिंग एवं निर्माण के लिए 6 मासीय एवं 3 मासीय पाठ्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। साथ ही 2 माह के उद्यमिता विकास प्रशिक्षण से संबंधित पाठ्यक्रम का भी संचालन किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने संस्थान में वर्तमान में प्रशिक्षणरत प्रशिक्षणार्थियों से उनके प्रशिक्षण एवं भविष्य के व्यवसाय की संभावनाओं को लेकर विस्तृत विचार विमर्श किया।
लोगों द्वारा व्यवसाय के लिए पूंजी के अभाव के बारे में बताया गया।
इस अवसर पर पूर्व में बैग/ पर्स आदि के निर्माण का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली स्थानीय महिलाओं से भी जिला पदाधिकारी ने मुलाकात की। कुछ महिलाओं ने स्पष्ट रूप से बताया कि अगर उन्हें व्यवसाय हेतु पूंजी मिलेगी तो वह निश्चित रूप से व्यवसाय करना चाहेंगी। जिलाधिकारी ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली सभी इच्छुक महिलाओं की पांच-पांच लोगों की समिति बनाकर प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं अन्य सरकारी योजनाओं के तहत अनुदानित दर पर ऋण उपलब्ध कराने हेतु महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।
इसी प्रकार पादुका के निर्माण में लगे हुए कुशल कारीगरों को भी छोटे-छोटे समूह में शामिल कर सहयोग समिति बनाते हुए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं अन्य योजनाओं के तहत वित्तपोषण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।
जूते के व्यवसाय से जुड़े लोगों ने बताया कि उनके लिए मार्केटिंग कोई समस्या नहीं है। पूंजी के अभाव में मांग के अनुरूप उत्पादन नहीं हो पाता है। अगर पूंजी उपलब्ध होगी तो निश्चित रूप से व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
जिलाधिकारी ने इस क्लस्टर के सभी लोगों के लिए वर्क शेड के लिए उपयुक्त स्थल चिन्हित करने का निदेश महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को दिया। चिन्हित वर्क शेड में अलग-अलग समितियों के लिए कार्य करने हेतु अलग-अलग जगह दिया जाएगा साथ ही सामूहिक उपयोग के लिए विभिन्न प्रकार की आवश्यक मशीनरी का संस्थापन भी कराया जा सकेगा।
जिलाधिकारी ने सभी लोगों को एक ब्रांड नेम से उत्पादों की ब्रांडिंग / पैकेजिंग के साथ-साथ ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए भी पहल करने को कहा।
उन्होंने कारीगरों द्वारा बनाए गए जूते का बारीकी से अवलोकन किया तथा गुणवत्ता को देखकर काफी प्रभावित भी हुए।
इस अवसर पर महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।