कोर्ट में जज की पिटाई मामला में हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल….अबतक एसपी का तबादला क्यों नहीं हुआ?

नालंदा
जनादेश न्यूज़ पटना
मधुबनी जिला के झंझारपुर कोर्ट में पिछले दिनों जज की पिटाई के मामले को लेकर हाईकोर्ट ने आज गहरी नाराजगी जताई है. इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से यह पूछा है कि आखिर अब तक के मधुबनी के एसपी का तबादला क्यों नहीं किया गया.
कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए यह कहा है कि अगर एसपी अपने पद पर बने रहे तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. कोर्ट ने इस पूरे मामले पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. इतना ही नहीं अगली सुनवाई के दिन रात का पूरा ब्यौरा सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के अंदर देने का निर्देश भी दिया है. सीआईडी इस पूरे मामले की जांच को देखेगी.
कोर्ट ने इस मामले मे सुनवाई में मदद करने के लिए वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली को एमिकस क्यूरी निधारित किया है. बता दें कोर्ट मास्टर को आज ही इस मामले से सम्बन्धित पेपर के साथ कोर्ट मे राज्य सरकार द्वारा पेश रिपोर्ट उन्हें देने का आदेश दिया है. इस मामलें पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने पिछली सुनवाई में स्पष्ट किया था कि राज्य की पुलिस दोनों पक्षों के मामलों को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से अनुसंधान करने में सक्षम है. वहीं एड्वोकेट जनरल ने कहा कि कोर्ट चाहे सी बी आई समेत किसी भी एजेंसी से मामले की जांच करवा सकता है.
मधुबनी के प्रभारी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज द्वारा अभूतपूर्व और चौंका देने वाली इस घटना के संबंध में भेजे गए रिपोर्ट के मद्देनजर राजन गुप्ता की खंडपीठ ने 18 नवंबर, 2021 को सुनवाई की. ज़िला जज ,मधुबनी के द्वारा भेजे गए रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दिन तकरीबन 2 बजे दिन में एस एच ओ गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के पुलिस सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने जज अविनाश के चैम्बर में जबरन घुसकर गाली दिया था.
गौरतलब है कि बिहार के मधुबनी जिले में थानेदार और दरोगा जज के चेंबर में घुस गये थे. दोनों ने पिस्टल की नोंक पर जज के साथ मारपीट की थी. शोर-शराबा सुनकर कोर्ट के वकील जज साहब के चेंबर की ओर दौड़े तो उनकी जान बची. वकीलों ने थानेदार औऱ दारोगा को कोर्ट में ही बंधक बना लिया. मधुबनी के डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज द्वारा हाई कोर्ट ने 18 नवंबर, 2021 को भेजे गए पत्र पर ही स्वतः संज्ञान लिया है. साथ ही साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डी जी पी, राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया था.
बता दें कि वर्दीधारियों की गुंडई के शिकार बने ये वही जज हैं जिन्होंने मधुबनी के एसपी सत्यप्रकाश को कानून की जानकारी न होने की कड़ी टिप्पणी करते हुए उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजने का आदेश दिया था. इस मामले पर अगली सुनवाई ,8 दिसम्बर,2021 को होगी.