ऊर्जा मंत्री की पहल से विद्युत संचरण प्रणाली के सुदृढीकरण एवं विस्तार की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम

नालंदा
जनादेश न्यूज़ बिहार 
पटना : विगत वर्षों राज्य के संचरण प्रणाली की सुदृढीकरण एवं विस्तार के लिए विभिन्न योजनाओं के अर्न्तगत महत्वपूर्ण परियोजनाओं को कार्यान्वित कराया गया है। इसी कड़ी में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। नीति आयोग के द्वारा बारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत स्पेशल प्लान (बी०आर०जी०एफ०) अर्न्तर्गत राज्य के नयी परियोजनाओं के लिए कुल 489.93 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
उल्लेखनीय है कि बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान स्पेशल प्लान (बी०आर०जी०एफ०) के अन्तर्गत बिहार राज्य को ऊर्जा प्रक्षेत्र में कुल कर्णांकित राशि में से 491.37 करोड़ रू0 अवशेष रह गयी थी। पंचवर्षीय योजनावधि समाप्त हो जाने के बाद भी राज्य के संचरण प्रक्षेत्र के लिए उपरोक्त अवशेष राशि के विरूद्ध कुल 489.83 करोड़ रूपये की परियोजनाओं की स्वीकृति एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
बिहार सरकार के ऊर्जा, योजना एवं विकास विभाग के मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव के पहल से नीति आयोग, विद्युत मंत्रालय एवं केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण में समन्वय स्थापित किया जा सका। बिहार स्टेट पावर ट्रान्समिशन कम्पनी लिमिटेड द्वारा संचरण प्रणाली की चिन्हित महत्वपूर्ण नये परियोजनाओं प्रस्तावों के आधार पर डी०पी०आर० तैयार किया गया, जिसे ऊर्जा विभाग तथा योजना एवं विकास विभाग के समन्वय से नीति आयोग को भेजा गया पुनः केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के द्वारा उपरोक्त डी०पी०आर० पर गहन सवीक्षोपरात परियोजनाओं को तकनीकि अनुमोदन दे दिया गया।
इस पूरे प्रक्रिया के दौरान माननीय ऊर्जा मंत्री के सतत् मार्ग दर्शन में ऊर्जा विभाग, योजना एवं विकास विभाग तथा संचरण कम्पनी के अधिकारीगण, नीति आयोग, विद्युत मंत्रालय एवं केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के साथ समन्वय में कार्य करते हुए परियोजनाओं की स्वीकृति प्राप्त किए।
उपरोक्त मद में स्वीकृत परियोजनाओं के अर्न्तगत प० चम्पारण जिला के बगहा गया जिला अर्न्तर्गत मोरे एवं बाराचट्टी तथा औरंगाबाद जिला अर्न्तगत दाउद नगर एवं नबीनगर में 132 / 33 के०वी० ग्रिड उपकेन्द्र तथा सम्बद्ध सचरण लाईनों का निर्माण किया जाना है। इन परियोजनाओं के निर्माण हेतु निविदा के माध्यम से कार्यकारी एजेन्सियों का चयन कर उन्हें कार्यादेश निर्गत किया जा चुका है।
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हस द्वारा बताया गया कि इन परियोजनाओं के निर्माण हो जाने से उपरोक्त तीन जिलों में गुणवत्ता पूर्ण निर्वाध बिजली पहुँचने की दिशा में सफलता मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि (बी०आर०जी०एफ०) के अर्न्तगत उपरोक्त परियोजनाओं के लिए राशि मिल जाने से कोरोना संक्रमण काल में उत्पन्न वित्तीय सकट के दौरान राज्य के विद्युत सचरण कम्पनी को अपने वित्तीय प्रबंधन करने में सुविधा होगी जिससे परियोजनाओं के कार्यान्वयन में सहूलियत होगी।