सिकंदरा (प्रवीण कुमार दुबे) : सिकंदरा प्रखंड मुख्यालय में तीन जगहो पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित किया जाता है।बहुआर नदी के तट पर स्थित बङी दुर्गा मंदिर दुर्गा स्थान के नाम से प्रसिद्ध है तो मिशन चौक स्थित मां दुर्गा मंदिर मंझली दुर्गा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। तो वहीं मुख्य चौक स्थित मां वैष्णवी दुर्गा महारानी जगदंबा मंदिर नाम से प्रसिद्ध है। 1960 से मंझली दुर्गा मंदिर में किया जा रहा पूजा मिशन चौक स्थित मंझली दुर्गा के नाम से प्रसिद्ध है। मां दुर्गा मंदिर की स्थापना सिकंदरा स्थानीय निवासी स्वर्गीय छेदी साह ने 1960 ईस्वी में अपने निजी जमीन पर मंदिर बनवाकर मां दुर्गा की प्रतिमा को बैठाकर पूजा-पाठ शुरू किया था। जहां आज भी उनके वंशज के द्वारा प्रतिमा स्थापित करके पुजा-पाठ किया जा रहा है। और यहा भी भव्य मेला का आयोजन होता हैं। एवं अपने निजी खर्च से करते है प्रतिमा का निर्माण छेदी साह के वंशज के द्वारा हर साल मंझली दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा को बैठाकर अपने खर्च से बङे ही धुम-धाम से पूजा-पाठ किया जा रहा है। छेदी साह के पौत्र सिकंदरा वाशी अरविंद कुमार केशरी ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे पिता जी तीन भाई है उन्ही के सारे परिवार बाले मिलकर हर वर्ष मां दुर्गा की प्रतिमा बैठाकर पूजा-पाठ किया जाता है। अंतिम रूप देते मुर्ति कलाकार सुरेंद्र पंडित ने बताया की हम इस दुर्गा मंदिर 2006 से लगातार मुर्ति का बनाने का काम करते आ रहे हैं। यहा बाहरी लोगो से कोई भी चंदा नहीं लिया जाता है। कहां-कहां लगता है भव्य मेला दुर्गा पूजा को लेकर लगातार तिन दिनो के मेले में सिकंदरा में तीन जगहों पर भव्य मेला लगता है। जिसमें सिकंदरा मुख्य चौक जगदंबा मंदिर जहा वैष्णवी दुर्गा मंदिर के नाम से जाना जाता है। वही दुसरी ओर पुरानी दुर्गा स्थान के प्रांगण में अधिक जगह रहने के कारण यहा मेला का ठहराव हो जाता है। मिशन चौक मंझली दुर्गा मंदिर में भी मेला लगता है। आसपास दर्जनो गांव के महिला, पुरूष, बच्चे, बुजुर्ग यहा मेला का आनंद लेने पहुचते है ओर तीनो दुर्गा मंदिर में जा-जा कर पूजा-पाठ करते हैं।