CJI ने लॉन्च किया ‘FASTER’, अब जमानत के बाद कैदियों की रिहाई के लिए अदालती आदेशों का नहीं करना होगा इंतजार

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जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
इस सिस्टम के आने के बाद कैदियों को जमानत के दस्तावेजों की हार्ड कॉपी के जेल प्रशासन तक पहुंचने का इंतजार नहीं करना होगा. 
अब जमानत मिलने के बाद कैदियों की रिहाई के लिए अदालती आदेशों का इंतजार नहीं करना होगा. जेल में हार्ड कॉपी नहीं, बल्कि बिजली की गति से अदालती आदेशों की ई- कॉपी मिलेंगी. मुख्य न्यायधीश एनवी रमना ने फास्ट एंड सिक्योर ट्रांसमिशन ऑफ इलेक्ट्रानिक रिका‌र्ड्स (FASTER) योजना लांच किया है.  FASTER सिस्टम के जरिए अदालत के फैसलों को इलेक्ट्रानिक तरीके से तेज़ी से भेजा जा सकेगा और उस पर तुरंत रिहाई की कार्यवाही हो सकेगी. कार्यक्रम में CJI एनवी रमना समेत सुप्रीम कोर्ट के अन्य जज और सभी हाईकोर्ट के जज शामिल रहे.  इस सिस्टम के आने के बाद कैदियों को जमानत के दस्तावेजों की हार्ड कॉपी के जेल प्रशासन तक पहुंचने का इंतजार नहीं करना होगा. 
लॉन्चिंग इवेंट के दौरान, CJI ने कहा कि FASTER की अवधारणा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत देने के बावजूद कैदियों को तीन दिन तक रिहा नहीं किए जाने के बारे में एक समाचार रिपोर्ट पढ़ने के बाद आकार लिया. क्योंकि आदेशों की फिजिकल कॉपी जेल अधिकारियों को नहीं दी गईं.  उसके बाद, CJI की अगुवाई वाली पीठ ने स्वत: संज्ञान लिया और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली को विकसित करने के निर्देश जारी किए गए . CJI ने कहा,  FASTER का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट या किसी भी अदालत द्वारा पारित आदेशों को उनकी पार्टी के हस्तक्षेप के बिना सुरक्षित तरीके प्रसारित करना है. 
हाईकोर्ट  स्तर पर सॉफ्टवेयर को क्रियान्वित 73 नोडल अधिकारियों का चयन  करने के लिए किया गया है. नोडल अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के कुल 1,887 ईमेल आईडी हैं.  FASTER जमानत के आदेशों को संप्रेषित करेगा और प्रमाणीकरण के लिए इसमें SC अधिकारियों के डिजिटल हस्ताक्षर होंगे . ईमेल आईडी धारकों तक ही कम्यूनिकेशन सीमित है जो गोपनियता, और सुरक्षा सुनिश्चित करता है.  
CJI ने प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस खानविलकर और जस्टिस हेमंत गुप्ता, सुप्रीम कोर्ट के सेकेट्री जनरल , कंप्यूटर कमेटी के रजिस्ट्रार, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और ई-समिति के चेयरमैन का शुक्रिया अदा किया. दरअसल, सितंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने आदेशों को संबंधित पक्षों तक पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन के सिस्टम को लागू करने के निर्देश दिया था.