नवादा : नवादा पुलिस को सावन माह के पहले सोमवारी कि दिन रहा मनहूस निगरानी विभाग की टीम ने नवादा नगर थाना में पदस्थापित एक भ्रष्ट दारोगा को मोटी रकम घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोच लिया। पटना से नवादा पहुंचे 11 सदस्यीय निगरानी की टीम ने गिरफ्तार दारोगा लाल बाबू यादव को अपने साथ पटना लेकर चली गई। मिली जानकारी के अनुसार नवादा नगर थाना में पदस्थापित एसआई लाल बाबू यादव को निगरानी की टीम ने सोमवार की को एक लाख रुपये के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि निगरानी की 11 सदस्यीय टीम ने नगर थाने में एसआई के खिलाफ जाल बिछाते हुए उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। निगरानी के डीएसपी सह टीम प्रभारी पवन कुमार तथा डीएसपी जितेश पांडेय के नेतृत्व में टीम ने घूसखोर दारोगा को रिश्वत के पैसे के साथ दबोच लिया है। मिली जानकारी के अनुसार लालबाबू यादव दहेज हत्या के एक मामले को रफा-दफा करने के लिए सूचक से एक लाख की राशि की मांग की थी। इसके बाद इस केस की सूचक ममता कुमारी ने पटना के निगरानी दफ्तर में दस दिनों पूर्व ही इस मामले की षिकायत लिखित में की थी। षिकायत दर्ज होने के बाद निगरानी की टीम ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और 4 दिन पूर्व ही इस केस का सत्यापन किया, जिसमें बात सच साबित हुई। इसके बाद सोमवार को निगरानी की टीम ने भ्रष्ट दरोगा के खिलाफ जाल बिछाकर उसे रिष्वत की राशि एक लाख रूपये लेतेे रंगे हाथों पकड़ लिया।
निगरानी के हत्थे चढा नगर थाना के एसआई लालबाबू यादव एक दहेज हत्या के मामले में एक लाख रूपये रिश्वत की मांग किया था। मामला नगर थाना कांड संख्या 179/23 से जुड़ा है। बताया जाता है कि रोह थाना क्षेत्र के इसेपुर ग्रामीण फुलेश्वर राजवंशी अपनी पुत्री रानी की ष्षादी वर्ष 2020 में नगर थाना क्षेत्र के नवीन नगर मुहल्ला निवासी प्रमेश्वर राजवंशी के पुत्र सूरज राजवंशी के साथ किया था। षादी के कुछ दिनों बाद सूरज और उसके परिवार दहेज के रूप में दो लाख रूपये पिता से मांगने के लिए बरावर दबाब बनाया करता था। राशि नहीं लाने पर सूरज और उसके परिवार रानी के साथ मारपीट कर प्रताड़ित किया करता था। इस दौरान 15 दिसम्बर 2022 को सूरज अपने मां-पिता और भाई के साथ रानी को बहुत ही वेरहमी से पिटायी कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था। जख्मी पुत्री को इलाज के लिए पिता ने नवादा के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां इलाज के बाद उसे पटना रेफर कर दिया गया था, तभी उसकी मौत एक फरवरी को इलाज के क्रम में हो गई थी। पुत्री की मौत बाद पिता ने नगर थाना में प्राथमिकी संख्या 179/23 दर्ज करा दामाद सूरज राजवंशी, समघी प्रमेश्वर राजवंशी, सूरज की मां बंसती देवी तथा छोटा भाई मन्टू को नामजद अभियुक्त बना न्याय की गुहार लगाया था। इस मुकदमा का पैरबी सूरज के परिवार ममता देवी कर रही थी। मामले को रफा-दफा करने के लिए उक्त घूसखोर दारोगा ने ममता से एक लाख का डिमांड किया। गरीब ममता ने राशी की व्यवस्था नहीं होने पर उसने इसकी शिकायत निगरानी विभाग से किया। षिकायत बाद निगरानी विभाग ने चार दिनों पूर्व मामले का सत्यापन किया। मामला सत्य पाए जाने के बाद निगरानी विभाग ने डीएसपी पवन कुमार के नेतृत्व में 11 सदस्यीय टीम गठन कर कार्रवाई का निर्देष दिया। गठित टीम में डीएसपी पवन कुमार के अलावा डीएसपी जिवेष पांडेय तथा इंस्पेक्टर बिंध्याचल प्रसाद सहित तीन इंस्पेक्टर और दो एसआई तथा कई सिपाही को शामिल किया।
घूसखोर दारोगा ने ममता को सोमवार की सुबह मंागी गई रकम को लेकर थाना के पास बुलाया था। तय समय के अनुसार ममता राषि लेकर थाना के पास आने की बात दारोगा के मोबाइल पर जानकारी दी। उसके बाद उक्त दारोगा ने ममता को थाना के पास से गुजरे यमुना पथ पर थाना परिसर में रहे शिव मंदिर के पास बुलाया, तब दारोगा जी ने थाना परिसर से यमुना पथ पर रहे रास्ते से षिव मंदिर के पास रूपये लेने लगे, तभी निगरानी की टीम ने रिष्वत लेते दारोगा को रंगे हाथ दबोच लिया। गिरफ्तार दरोगा को निगरानी की टीम अपने साथ ले गयी।