वारिसलीगंज के पूर्व BDO सतनारायण पंडित के खिलाफ कार्रवाई का आदेश हुआ जारी।

नवादा
जनादेश न्यूज़ नवादा
(नवादा से प्रदीप कुमार के रिपोर्ट) 
नवादा जिला के अंतर्गत वारिस अलीगंज प्रखंड में वर्ष 2008 के नियुक्ति के विरोध 107 शिक्षकों का नियोजन प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई वारिसलीगंज द्वारा वर्ष 20 अट्ठारह में किया गया। नियोजित शिक्षकों में से 07
शिक्षकों द्वारा वेतन भुगतान हेतु सी 0 डब्लू 0जे0सी सं-025481/2019 दायर किया गया जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को बादलों की नियुक्ति संबंधी वैधता की जांच करते हुए आदेश पारित करने का निर्देश दिया गया है। माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी, नवादा के आदेश क्रमांक 1948 दिनांक 19,8,2020 द्वारा 107 शिक्षकों के नियोजन को अवैध घोषित किया गया। शिक्षकों द्वारा वेतन भुगतान हेतु निदेशालय में भी आवेदन दिया गया जिसकी जांच हेतु विभागीय आदेश ज्ञापांक -861 दिनांक 29,9,2020 द्वारा त्रिस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया। जा समिति द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश संख्या 1948 दिनांक-19,8,2020 को उचित ठहराया गया। साथ ही अवैध नियोजित शिक्षकों में से वर्तमान में मात्र 11 शिक्षकों के हैं कार्यरत होने के संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रतिवेदन किया गया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी वारिस अलीगंज सतनारायण पंडित,, नवादा द्वारा उक्त अवैध नियोजित शिक्षकों को अपने पत्रांक 639 दिनांक-19,7,2022 द्वारा पुनः कार्य करने एवं उपस्थिति पंजी में उपस्थिति दर्ज करने का आदेश प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, वारिसलीगंज, नवादा को दिया गया है जो माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश एवं विभागीय निर्देशों का उल्लंघन है। उपरोक्त मामले में प्राथमिक शिक्षा निर्देशक रवि प्रकाश ने नवादा जिला अधिकारी से कार्रवाई करने हेतु पत्र भेजा है। आपको बता दें कि पूर्व वीडियो सतनारायण पंडित ने पत्रांक 639 के तहत 107 टीचरों के संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को लेटर इशयू किया था। इसमें बड़े संख्या में रुपए लेकर काम करने का भी आरोप लगा था। इसी पर कार्रवाई करते हुए निर्देशक, प्राथमिक शिक्षा में नवादा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। निर्देशक, प्राथमिक शिक्षा ने कहा कि आगे भी अलग-अलग प्रखंड में ऐसे मामलों पर कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह है कि इस नियोजन इकाई पर कार्रवाई होती है या की पैसे के बल पर ठंडे बस्ते में आदेश को डाल दिया जाता है।