आज है महाशिवरात्री, बाबाधाम में उमड़ी भीड़, एक लाख से ज्यादा शिव भक्त करेंगे जलाभिषेक

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जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
पंचशूल स्थापित, आज शिवरात्रि पर 1 लाख से ज्यादा दर्शन करेंगे श्रद्धालु, बाबा वैद्यनाथ के पुष्प शृंगार की अलौकिक छवि : फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि पर बाबा एवं मां पार्वती मंदिर सहित परिसर में सभी मंदिरों से एक दिन पहले खोले गए पंचशूलों काे शिखर पर स्थापित किया गया। 18 घंटे बाद बाबा की पूजा-अर्चना की गई। परंपरा के अनुसार सबसे पहले बाबा मंदिर इस्टेट की ओर से बाबा एवं मां पार्वती के बीच पहला गठबंधन चढ़ाया गया। इसके बाद आम लोगों ने गठबंधन चढ़ाए। शाम में बाबा का पुष्प से शृंगार किया गया। अनुमान है कि आज 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन को आ सकते हैं।
भगवान शिव को ऐसे चढ़ाएं बेलपत्र : कहते हैं कि शिवलिंग पर हमेशा उल्टा बेलपत्र अर्पित करना चाहिए. बेल पत्र का चिकना भाग अंदर की तरफ यानी शिवलिंग की तरफ होना चाहिए.
पूजा के लिए निम्नलिखित चीजें आवश्यक हैं:1 शिव लिंग या भगवान शिव की एक तस्वीर2 बैठने के लिए ऊन से बनी चटाई3 कम से कम एक दीपक4 कपास की बत्ती5 पवित्र बेल6 कलश या तांबे का बर्तन7 थाली8 शिव लिंग रखने के लिए सफेद कपड़ा9 माचिस10 अगरबत्तियां11 चंदन का पेस्ट12 घी13 कपूर14 रोली15 बेल के पत्ते (बेलपत्र)16 विभूति- पवित्र आशु17 अर्का फूल
महाशिवरात्रि पूजा विधि : महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का पंचामृत से अभिषेक करें. चंदन का तिलक लगाएं. बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र और वस्‍त्र आदि अर्पित करें. शिव जी के सामने दीप जलाएं और खीर का भोग लगाएं.
फाल्गुल मास के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली महाशिवारात्रि का पूजा मुहूर्त
1 मार्च सुबह 11:47 से दोपहर 12:34 तक अभिजीत मुहूर्त, दोपहर 02:07 से 02:53 तक विजय मुहूर्त, शाम 05:48 से 06:12 तक गोधूलि मुहूर्त होगा, पूजा या शुभ कार्य करने के लिए अभिजीत और विजय मुहूर्त को श्रेष्‍ठ माना गया है.