CM नीतीश ने कहा- असली बिहारी आप ही हैं; राष्ट्रपति बोले- बिहार आता हूं तो लगता है अपने घर आया हूं

बिहार
जनादेश न्यूज़ बिहार
विधानसभा शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विधानसभा परिसर में बने शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया। साथ ही विधानसभा परिसर में पवित्र बोधि वृक्ष का पौधा भी लगाया। राष्ट्रपति सुबह 10:50 बजे विधानसभा परिसर पहुंचे। उनके मंच पर पहुंचते ही राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। 11:12 बजे दीप प्रज्जविलत कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के बाद CM नीतीश कुमार के भाषण के बाद राज्यपाल फागू चौहान ने अपना संबोधन दिया। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 11: 55 बजे अपना संबोधन शुरू किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि मुख्यमंत्री जी जब मुझे बिहारी राष्ट्रपति के रूप में संबोधित कर रहे थे, तो मैं अंदर से ह्रदय से गदगद महसूस कर रहा था- ‘गदगद इसलिए महसूस कर रहा था कि इस देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू और राज्यपाल बनकर गए व बाद में राष्ट्रपति बने डॉक्टर जाकिर हुसैन साहब इसी धरती से राष्ट्रपति बन कर गए। उन्होंने जो विरासत छोड़ी है उस विरासत को आगे बढ़ाने का दायित्व मुझे मिला। सचमुच जब मैं बिहार आता हूं तो मुझे लगता है कि मैं अपने घर में आया हूं’।
राष्ट्रपति ने कहा कि कभी-कभी लोग हमारे सचिवालय में ही सवाल कर देते हैं बिहार कोई निमंत्रण हो तो आप कभी टालमटोल नहीं करते।- ‘मैं कहता हूं कि बिहार से कुछ मेरा एक राज्यपाल का ही नाता नहीं बल्कि कुछ और भी नाता है। इस नाते को मैं ढूंढता रहता हूं। भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त यहां पर ही हुआ’।
राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ ही दिनों बाद हम सभी देशवासी दीपावली और छठ का त्यौहार मनाएंगे। छठ पूजा अभी ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है। नवादा से न्यूजर्सी तक और बेगूसराय से बोस्टन तक छठी मैया की पूजा बड़े पैमाने पर की जाती है। यह इस बात का प्रमाण है कि बिहार की संस्कृति से जुड़े उद्यमी लोगों ने विश्वस्तर पर अपना स्थान बनाया है। मुझे विश्वास है इसी प्रकार स्थानीय प्रगति के सभी आयामों पर भी मानदंड स्थापित करेंगे।
अंत में राष्ट्रपति ने विधायकों से कहा कि प्रिय विधायकगण, राज्य की जनता आप सभी जनप्रतिनिधियों को अपना भाग्य विधाता मानती है और उनकी आशाएं और आकांक्षाएं आप सब जुड़ी है। मुझे विश्वास है कि आप सभी विधायक गण अपने आचरण और कार्यशैली से जनता की आशाओं को यथार्थ रूप देने का प्रयास करते रहेंगे। मुझे विश्वास है कि सन 2047 तक यानी देश की आजादी के 100 वर्ष तक बिहार ह्यूमन डेवलपमेंट के पैमानों पर एक अग्रणी राज्य बन सकेगा।
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने स्वागत भाषण में मंच से पांच संकल्प लिए। उन्होंने कहा कि हमारा समाज नशा मुक्त होगा। हमारा परिवार अपराध मुक्त होगा। हमारा परिवार दहेज मुक्त होगा। हमारा परिवार बाल विवाह मुक्त होगा। हमारा परिवार बाल श्रम मुक्त होगा।
सुबह 11:25 बजे प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को भाषण देना था, लेकिन उन्होंने कार्यक्रम में आने से इनकार कर दिया। वो भाषण के लिए तीन मिनट समय देने से नाराज बताए जा रहे हैं। “सदन में विमर्श ही संसदीय प्रणाली का मूल है” इस विषय पर ही सभी लोग व्याख्यान देंगे। इनके टाइम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना भाषण दिया।
संबोधन के दौरान CM नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हमें समय दिया इसके लिए धन्यवाद। रामनाथ कोविंद जी का रिश्ता बिहार से खास रहा है, यह बिहार के राज्यपाल 2 वर्ष तक रहे और राज्यपाल रहते हुए सीधे राष्ट्रपति बने, इन्हें हम बिहारी भी कहते हैं। इनसे हमारा संबंध बहुत ही मधुर है। आपसे हमारा संबंध इतना मधुर है कि हम अक्सर कहते हैं असली बिहारी आप ही हैं। विश्व शांति स्तूप के उद्घाटन में भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 2019 अक्टूबर में आए थे।
नीतीश कुमार ने कहा 22 मार्च 2009 से बिहार दिवस के रूप में हम लोगों ने कार्यक्रम मनाना शुरू किया। 2012 में 100 साल पूरा होने के बाद जो कार्यक्रम जबरदस्त हुआ, लेकिन इसी बीच में जो हमारे उस समय बिहार विधान परिषद के उस समय के जो माननीय पूर्व सभापति से स्वर्गीय तारा कांत झा जितना मेहनत किया तो हमेशा याद रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम लोग इस तरह के कार्यक्रमों को करते रहेंगे। अब तो अगली दफा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस तरह के कार्यक्रम में बुलाने की योजना है।
राष्ट्रपति का संबोधन समाप्त बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह धन्यवाद दिया। इसके बाद राष्ट्रधुन बजाई गई। 12:20 बजे कार्यक्रम की समाप्ति हो गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मंच ने मंच से प्रस्थान किया।