कार्बन उत्सर्जन कम करने हेतू हमें साथ मिल कर काम करना होगा: बिजेंद्र प्रसाद

पटना
   जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
📍सौर ऊर्जा के विकास हेतु जल संसाधन एवं शिक्षा विभाग के साथ काम करने की जरूरत।
📍जल जीवन हरियाली दिवस पर ऊर्जा विभाग ने सौर परियोजनाओं को समीक्षा की।
पटना : ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत भवन में आयोजित जल जीवन हरियाली दिवस के अवसर पर सौर ऊर्जा उपयोग का प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में ब्रेडा द्वारा कार्यान्वित सौर परियोजनाओं एवं सौर ऊर्जा से संबंधित भविष्य की योजनाओं के माध्यम से कैसे हरित मिशन में ऊर्जा विभाग अपना योगदान दे सकता है, यह चर्चा का विषय रहा।
ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि जल और हरियाली, जीवन के आवश्यक तत्व है। हम सभी को जलवायु परिवर्तन व कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में साथ काम करना होगा। सौर ऊर्जा की विकास हेतु जल संसाधन और शिक्षा विभाग के साथ मिल कर काम करना होगा। दोनों विभागों के पास भरपूर संसाधन है जिसके माध्यम से हम सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमें स्कूलों के भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र इंस्टॉल कर देनी चाहिए ताकि उनकी बिजली की जरूरत सौर ऊर्जा से ही पूरी हो सके। ठीक उसी तरह जल संसाधन के अंतर्गत को पोखर हैं, हम उसमें फ्लोटिंग सोलर प्लांट इंस्टॉल कर सकते हैं।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर की प्रशंशा करते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि इससे न सिर्फ बिजली बचाने एवं बिजली चोरी को रोकने में मदद मिली है बल्कि यह AT&C लॉस भी कम करने में भी सहायक हैं।
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव श्री संजीव हंस ने कहा कि पर्यावरण के प्रति सजग होना समय की मांग है। ऊर्जा की बचत करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। पिछले तीन वर्षों में जल जीवन हरियाली मिशन में अच्छा काम हुआ है। उन्होंने कहा कि यह माननीय मुख्यमंत्री जी की दूरगामी सोच का परिणाम है कि बिहार निरंतर सतत विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने ऊर्जा विभाग द्वारा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक कुल 2300 सरकारी भवनों पर सोलर प्लांट इंस्टाल किया जा चुका है एवं शेष चिन्हित 8000 भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जायेंगे।
श्री हंस ने आगे कहा कि नवी एवं नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु कजरा एवं पीरपैंती में 400 450 MW क्षमता के सौर ऊर्जा परियोजना कार्यान्वित है। कजरा में सौर ऊर्जा उत्पादन के साथ ही बैटरी स्टोरेज सिस्टम की भी व्यवस्था है। दिन में उत्पादित सौर ऊर्जा का 25 प्रतिशत हम बैटरी के माध्यम से रात के लिए स्टोर कर सकेंगे। राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों (राजगीर, गया एवं बोधगया) एवं पटना के सरकारी दफ्तरों के 24 घंटे बिजली आपूर्ति हेतु लगभग 210MW बिजली की जरूरत है। सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली आपूर्ति करने की दिशा में काम चल रहा है और संभवतः 2024 से यह शुरू भी हो जायेगा। पंप स्टोरेज सिस्टम की दिशा में काफी सकारात्मक काम हो रहे हैं। रोहतास के दुर्गावती डैम में 30MW एवं फुलवरिया डैम में 20MW सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु कार्य प्रगति पर है। सुपौल एवं दरभंगा में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के माध्यम से हमनें बिजली उत्पादन के साथ उसका डिस्ट्रीब्यूशन भी शुरू कर दिया है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय ऊर्जा विभाग द्वारा Renewable Energy Rich राज्यों की श्रेणी में बिहार जल्द ही अपना नाम दर्ज कराएगा।
जल जीवन हरियाली मिशन के मिशन निदेशक श्री राहुल कुमार ने कहा कि बिहार में वन विभाग के साथ मिलकर दस करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं। वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के साथ वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन एवं उसकी बचत जल-जीवन-हरियाली मिशन का दसवां कंपोनेंट है।
ब्रेडा के निदेशक सह एसबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक श्री महेंद्र कुमार ने कहा कि राज्य की भागौलिक संरचना के कारण यहां अक्षय ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि यहां 300 दिन आसमान बिल्कुल साफ रहता है। उन्होंने सौर ऊर्जा के माध्यम से किए जा रहे कार्यों के विषय में बताते हुए कहा कि हर घर बिजली योजना के अंतर्गत राज्य के दुर्गम क्षेत्र जैसे कैमूर का अधौरा या कोसी व गंगा नदी के दियारा क्षेत्रों में हमनें सौर ऊर्जा के माध्यम से ही लोगों को बिजली पहुंचाई गई। इसके लिए करीब 376 मिनी ग्रीड एवं 1276 स्टैंड एलोन सिस्टम लगाया गया तथा करीब 40,000 घरों में बिजली उपलब्ध कराई गई।
आगे उन्होंने कहा कि ग्रीड कनेक्टेड रूफटॉप कंपोनेंट के तहत अब तक कुल 2500 सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जा चुके हैं एवं 8000 भवनों पर लगाए जाने हैं। साथ ही निजी भवनों पर भी हम सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का कार्य कर रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार सब्सिडी भी दे रही है एवं इसके प्रति लोगों में जागरूकता भी है।
बिहार में सौर ऊर्जा की काफी संभावनाएं हैं। यहाँ मौसम 300 दिनों तक साफ रहता है। जीवशम से उत्पादित बिजली काफी महंगी होती है उसकी अपेक्षा सौर ऊर्जा सस्ती है। रूफटॉप योजना से अभी 20 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। तीन वर्षों में 15 लाख सोलर लाइट पंचायतों में लगाई जा रही हैं।
साथ ही हम पशु एवं मत्स्य पालन विभाग के द्वारा हम चौर योजना के तहत वैसे जमीन जहां फसल की उत्पादन नहीं हो सकती, वहां सौर ऊर्जा के उत्पादन हेतु काम कर रहे हैं। साथ ही माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अगले दो सालों में सभी पंचायतों में सोलर लाइट अधिष्ठापित करना है। इसकी संख्या करीब 15 लाख है और इस पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। डेडीकेटेड एग्रीकल्चर फीडर को भी सोलराइज करने की।योजना है।
एनबीपीडीसीएल के एमडी श्री प्रभाकर ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर के क्षेत्र में डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों द्वारा किए जा रहे कार्यों के विषय बताते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में अब तक कुल 12.50 लाख स्मार्टेटर लगाए जा चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 36 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इसकी शुरुआत नौ जिलों से की गई हैं एवं अब तक कुल 30,000 मीटर लगाए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं के साथ साथ डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को भी फायदा हुआ है। एक ओर उपभोक्ता जहां बिजली पर हो रहे खर्च का ब्योरा रख सकते हैं वहीं अपनी प्रतिदिन की बिजली खपत पर भी नजर रख सकते हैं। इससे बिजली की बर्बादी भी कम हुई है। वहीं डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को भी बिजली बिल जमा करने हेतु अब घर घर नहीं जाना पड़ता एवं लॉस काम करने में मदद मिली है।
जल जीवन हरियाली मिशन की बैठक विद्युत भवन में आयोजित की गई। इस बैठक में 15 विभागों ने भाग लिया। इसमें एन बी पी डी सी एल के प्रबंध निदेशक श्री प्रभाकर, महाप्रबंधक श्री विजय कुमार, ब्रेडा के उप निदेशक सुधांशु कुमार सिंह, ब्रेडा के अधीक्षण अभियंता श्री खगेश् चौधरी, सीनियर प्रोटोकॉल ऑफिसर ख्वाजा जमाल और अन्य विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।
बिहार में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली मिशन की शुरुआत वर्ष 2019 में की थी जिसमें 15 विभागों को शामिल किया गया था। मिशन की सराहना देश ही नहीं बल्कि यू एन ओ में भी हुई थी। जल जीवन हरियाली मिशन से बिहार को काफी फायदा हुआ है।