सरदार बल्लभ भाई पटेल बर्फ से ढंके एक ज्वालामुखी थे

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नालंदा
— सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता के अदभुत शिल्पी थे,
— सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के प्रतीक थे
— इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर देश से गरीबी मिटाने का काम किया
बिहारशरीफ  : आज दिनांक 31-10-2019 को स्थानीय मध्य विद्यालय ककड़िया के प्रांगण में विद्यालय के चेतना सत्र में देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री व प्रथम गृह मंत्री भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144 वीं जयंती और देश की पहली महिला प्रधान मंत्री स्व. इंदिरा गांधी की 35 वीं पुण्य तिथि पर एक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के सभी शिक्षकों के अलावा छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। उक्त समारोह की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिवेन्द्र कुमार एवं संचालन साहित्य के शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत सरदार वल्लभ भाई पटेल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।
इस मौके पर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचरों को आत्मसात कराने के लिए कार्यक्रम संचालन करते हुए साहित्यानुरागी शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने छात्र-छात्राओं के बीच अपने उद्बोधन में कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता के अदभुत शिल्पी थे, जिनके ह्रदय में भारत बसता था। वास्तव में वे भारतीय जनमानस अर्थात किसान और क्रांतिकारियों की आत्मा थे। स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं स्वतन्त्र भारत के प्रथम गृहमंत्री सरदार पटेलजी बर्फ से ढंके एक ज्वालामुखी थे। वे नवीन भारत के निर्माता थे। भारत रत्न लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के प्रतीक थे। उन्होंने निःस्वार्थ होकर देश के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया। पटेल जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। आजादी के बाद 564 रियासतों को भारत में विलय किया। उनमें कौटिल्य की कूटनीति विराजमान थी। कश्मीर के विलय कराने की जिम्मेदारी उन पर होती तो आज यह समस्या नहीं होती। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की कीर्ति अजर अमर है जिसकी कोई मिशाल नहीं हैं। सरदार पटेल के बताए रास्तों पर चलकर देश की एकता और अखंडता को कायम रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल शांति प्रिय थे, लेकिन देश की आजादी के लिए वह कठोर फैसले लेने से भी नहीं चूके। उन्होंने छात्र-छात्राओं को लौह पुरुष के बताए मार्ग पर चलने के प्रति प्रेरित किया।
इस कार्यक्रम में लौह महिला स्व. इंदिरा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन महान विभूतियों को भी श्रद्धापूर्वक याद किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यिक मंडली नालंदा “शंखनाद” के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी व सरदार बल्लभ भाई पटेल का देश के विकास में काफी योगदान रहा है। इंदिरा गांधी का व्यक्तित्व केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में भी प्रचलित था। लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल देश के एक अत्यंत बेशकीमती रत्नों में एक थे, आज उनके विचारों को अपने अंदर उतारने की जरूरत है। लौह महिला स्व. इंदिरा गांधी को 20वीं सदी का नायक बताते हुए कहा कि अपने कुशल नेतृत्व से देश के विकास को उन्होंने नई दिशा दी थी। बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर देश से गरीबी मिटाने का दृढ़ निश्चय किया। इंदिरा गांधी की देन है कि हम आज आत्मनिर्भर हैं और विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़े हैं। गरीबी मिटाना उनका महत्वपूर्ण नारा था। आज ही के दिन 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी।
इसके साथ इस कार्यक्रम में दौड़, क्विज प्रियोगिता,चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता भी हुई। इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को कलम और कॉपी देकर सम्मानित किए गए।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक शिक्षक जितेंद्र कुमार मेहता, अनुज कुमार, बाल संसद के प्रधानमंत्री रौशन कुमार, उपप्रधानमंत्री कुमकुम कुमारी, मेनका कुमारी, मोनी कुमारी, काजल कुमारी, नेहा कुमारी, रानी कुमारी, मुस्कान कुमारी, रिंकी कुमारी, आरती कुमारी, वर्षा कुमारी, शोभा कुमारी, अंजनी कुमारी, निगम कुमार, प्रताप कुमार, चंद्रमणि कुमार, गुड्डू कुमार, नवलेश कुमार, सौरभ कुमार, उजाला कुमार, गौतम कुमार सहित सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।