लापरवाही: बंध्याकरण ऑपरेशन के बाद भी गर्भवती हो गई महिला पीड़ित ने क्षतिपूर्ति के लिए दिया लिखित आवेदन ।

जमुई
जनादेश न्यूज़ जमुई 
गिद्धौर (अजित कुमार यादव): परिवार नियोजन के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी बंध्याकरण योजना चिकित्सकों की लापरवाही के कारण दम तोड़ती नजर आ रही है। टारगेट पूरा करने के लिए आनन-फानन में किया गया बंध्याकरण ने पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है। बंध्याकरण के तकरीबन 5 वर्ष बाद एक महिला के गर्भवती होने की मामला प्रकाश में आया है यह मामला दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गिद्धौर से जुड़ा हुआ है, सेवा गांव निवासी सतीश रावत की पत्नी ललिता देवी का पीएचसी गिद्धौर में वर्ष 2013 में बंध्याकरण ऑपरेशन हुआ था ऑपरेशन के बाद भी ललिता देवी अगस्त 2019 में गर्भवती हो गई ललिता देवी का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही का खामियाजा उनके परिवार को उठाना पड़ रहा है पीड़िता ललिता देवी का कहना है कि मुझे वर्ष 2013 में पीएचसी गिद्धौर में परिवार नियोजन के अंतर्गत बंध्याकरण ऑपरेशन हुआ था। लेकिन उसे जब लगा कि कहीं वो गर्भवती तो नहीं हो गई है क्योंकि सभी लक्षण संदेह को बल दे रहे थे। इसके बाद उसने अस्पताल में जांच करवाई। जांच के बाद उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। वह दो माह की गर्भवती हो चुकी थी। जानकारी के बाद अब दंपति परेशान है कि महिला ने परिवार नियोजन के तहत ऑपरेशन करवाया था। वह भी असफल हो गया। पीड़िता का कहना है कि उसने सरकारी मानदंड के अनुसार सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन करवाया था लेकिन चिकित्सकों की लापरवाही के कारण वह पुन: गर्भवती हो गई। इसके लिए वह अब अस्पताल प्रशासन से क्षतिपूर्ति ( मुआवजे) की मांग कर रही है। जिसके लिए स्वास्थ विभाग के अधिकारी को आवेदन दिया गया है । बताते चलें कि आबादी को थामने के लिए सरकार तरह-तरह के उपाय कर रही है मुफ्त बंध्याकरण ऑपरेशन के साथ मरीज को आर्थिक सहयोग देना भी इसमें शामिल है लेकिन इसे लेकर अस्पतालों में बरती जा रही लापरवाही, मकसद की सफलता को लेकर सवाल उठा रही है, सवाल यह भी है कि बंध्याकरण ऑपरेशन के दौरान हुई इस लापरवाही की जिम्मेदारी किसकी होगी और पीड़ित पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ की भरपाई कैसे होगी ?
वही इस संदर्भ में पीएचसी गिद्धौर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रामस्वरूप चौधरी इस मामले को लापरवाही नहीं मान रहे हैं उनका कहना है कि इस तरह के ऑपरेशन में कभी-कभी इस तरह की घटना हो जाती है।उन्होंने कहा कि पीड़ित की शिकायत सदर अस्पताल जमुई भेज दी जाएगी और प्रधान के हिसाब से जो उचित मुआवजा होगा वह दिया जाएगा ।