यातायात पुलिस और नगर निगम की संयुक्त विफलता से नो एंट्री जोन में गाड़ियों का होता है एंट्री

झारखंड
जनादेश न्यूज़ झारखंड
देवघर ( ब्यूरो, नवीन कृष्ण ) : आम जनता की लाख परेशानी के बावजू़द बेबस और लाचार यातायात विभाग खुद अपने समस्या से ग्रसित है। यातायात विभाग की अपनी क्या समस्या है यह यातायात विभाग ही जाने, फिलहाल विभाग की समस्याओं से जनता को क्या लेना देना , लेकिन शिवगंगा क्षेत्र के नो एंट्री जोन में सड़क के दोनों और गाड़ियों की खडी़ लंबी-लंबी कतारें यह दर्शातीं हैं कि, जैसे नो एंट्री जोन में एंट्री की इज़ाजत हो, हां, यह बात आपको पहेली की तरह लगेगी ।नो एंट्री जोन मैं एंट्री किसकी इजाजत से और क्यों ? क्या विभाग के लिये कोई नियम नहीं है ? इतने सारे प्रश्न आज इसलिए खड़े हुए , कि दो विभाग मिलकर जनता के लिए जाम की समस्या उत्पन्न कर दी है, शिवगंगा और मंदिर क्षेत्र यातायात विभाग और नगर निगम के कानूनी दृष्टि से नो एंट्री जोन में आता है। लेकिन यातायात विभाग आंख पर पट्टी रखकर सिपाही को ड्यूटी पर तैनात रखता हैं और गाड़ियों का नो एंट्री जोन में प्रवेश व सड़क के दोनों किनारों में कतारबद्ध खडा़ रहना और तीसरी कतार के रुप में दोनों किनारों के बीच वाहनों को विभाग द्वरा प्रवेश कराने से उत्पन्न होने वाली समस्या से परेशान सड़क पर चलने वाली आम जनता आखिर कहाँ चले ? और कैसे चले ? आखिर यह सवाल जनता किससे पूछे ? क्या इस प्रश्न का उत्तर दोनों विभागों के पास है ? एक तरफ यातायात विभाग का आंख बंद है और दूसरे तरफ नगर निगम नो एंट्री जोन में एंट्री चार्ज ( पार्किंग फी ) ले कर एंट्री कराती हैं। इसे आम जनता क्या समझे। इससे साफ जाहिर होता है कि, मामला ग……..ड़ है। एक तरफ नो एंट्री और दूसरी तरफ एंट्री। इससे तो यही साबित होता है , ★दोनों विभाग एक ही सिक्के के दो पेहलू★ हैं। इस तरह कि समस्या से जनता परेशान है। और कमाई निगम को होती है।आखिरकार जनता परेशानी क्यों सहे।