यकीन मानिए , आपकी सत्ता सुशासन के लिए यादगार शासनकाल में होगी अगर आप अभी भी कार्यपालिका के इस अभिमानी स्वरूप को बदल दे !

बिहार
जनादेश न्यूज़ बिहार डेस्क
कभी सदन के अंदर लालू प्रसाद के इकबाल पर ऊंगली उठाने वाले हेमंत शाही ठोक दिये गए थे, आज उसी धरती पर कोई नीतीश कै इकबाल पर बबाल उठाता है तो उसे तालियां और समर्थन मिलता है ।। यही सुशासन तो नीतीश कुमार ने स्थापित किया है ।
लेकिन 15 साल तक अगर सत्ता अपनी मानसिकता को बदलता नहीं तो फिर एक जड़ता आ जाती है ।
आपके डीजीपी तो छोड़िए आपके थानेदार तक की ठसक इतनी अधिक है कि आपके प्रति लोगों की भावना बदलती जा रही है
एक आम आदमी ,एक आम व्यवसायी जिसे किसी सरकार से कोई लेना देना नहीं ,जो सिर्फ शांति व्यवस्था को लेकर आपका समर्थक बना होता है ,वो भी अगर थाना या ब्लाक पहुंच जाय तो आपके प्रति उसके मन में ढेंरो शिकायते बैठ जाती है ।
आपकी सरकार ,आपके पदाधिकारी आपके सांसद आपके विधायक तक पहुंचने में एक आम आदमी को जितनी परेशानी होती होगी उसकी समझ अगर आपको हो जाय तो निश्चित आपके शासन का इकबाल नजर आ जायेगा ।।
आपका एक एक अधिकारी /पदाधिकारी जानता है कि मेरा पदस्थापना आमजन की सेबा सुरक्षा के लिए नहीं वरन पावरफुल नेताओं के कार्यो को आगे बढ़ाने उनके समर्थक स्थानीय अपराधी स्थानीय भ्रष्टाचारी के साथ कदमताल करने को हुआ है ।
2005 में आपके आने के बाद अपराधियों के अंदर गजब खलबली मची थी , अपराधियों को अपने कुत्ता बनाकर रख दिया था
अपराध से दबे समाज में यह हिम्मत आई थी की अपराधियों के कालर को पकड़ कर उसे घसीट दे
लेकिन सत्ता चलाने की आपकी बदलती नीति ने फिर से उसे राजनितिक संरक्षण दे दिया ,नतीजा फिर से अपराधियों ने हर उस मौके और रास्ते पर कब्जाकर लिया जिसपर एक आम आदमी के विकास की गाथा लिखी होती है ।।
 ,ठेके की दलाली लेते देते सत्ता के लोग जरूर आपके इकबाल को खत्म कर रहे हैं और सब जानते हुए आपकी मजबूरी ही मिडिया को आप पर शब्द बाण चलाने को प्रेरित कर रहे हैं ।।