नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित छठा धर्म धम्म सम्मेलन में पहुंचे उपराष्ट्रपति

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नालंदा
आज नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्विद्यालय तथा इंडिया फाउडेशन द्वारा आयोजित छठा धर्म धम्म सम्मेलन में महामहिम उप राष्ट्रपति,महामहिम राज्यपाल, बिहार,माननीय मुख्य मंत्री,बिहार तथा परिवहन मंत्री श्रीलंका का आगमन राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय के परिसर में हुआ।
दोपहर 12:30 बजे हेलीकॉप्टर से महामहिम, उप राष्ट्रपति,महामहिम राज्यपाल,बिहार तथा माननीय मुख्यमंत्री,बिहार का आगमन परिसर स्थित हेलीपैड में हुआ ।
हेलीपैड पर महामहिम का स्वागत माननीय मंत्री,ग्रामीण विकास,बिहार,माननीय सांसद नालंदा,आयुक्त पटना कमिश्नर,जिला पदाधिकारी,नालंदा,पुलिस अधीक्षक,नालंदा,उप कुलपति नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्विद्यालय,राजगीर सहित अन्य गणमान्य के द्वारा किया गया।
मुख्य समारोह के पूर्व महामहिम के द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया।
मुख्य समारोह में सभी गणमान्य अतिथियों को विश्वविद्यालय परिवार के तरफ से शॉल देकर सम्मानित किया गया।
उप कुलपति प्रोफेसर सुनैना सिंह के द्वारा स्वागत भाषण दिया गया।उन्होंने कोविड़ के बाद उभरे आर्थिक एवं सामाजिक आइसोलेशन पर प्रकाश डाला तथा इसे दूर करने के लिए बुद्ध के मध्यम पथ तथा वेद के पथ को अपनाने की बात कही।
बुद्ध के अस्तांगिक मार्ग अपना कर ही विश्व शांति की स्थापना की जा सकने की बात बताई।धम्म और वेद के पुरुषार्थ को मिलाकर सामाजिक संतुलन बनाने की बात कही।उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय में की जा रही ऊर्जा बचत,कार्बन उत्सर्जन में कमी के कार्यों की भी चर्चा की।उन्होंने बताया की अभी वहां 30 देशों के विद्यार्थी पठन-पाठन कर रहे हैं।यजुर्वेद के सूक्त के साथ उन्होंने स्वागत भाषण को विराम दिया।
श्रीलंका के परिवहन मंत्री पवित्रा देवीवनिमारक्षी ने धम्म को विश्व के निरंतर विकास के लिए आवश्यक बताया। पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के तर्ज पर स्थापित नए विश्वविद्यालय की उन्होंने काफी सराहना की।उन्होंने स्वस्थ को सबसे बड़ा धन बताया।
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार ने बताया की कोवीद महामारी प्राकृतिक न होकर मानव कृत है और इसका उपाय इस धर्म धम्म सम्मेलन में ढूंढा जाना चाहिए।
उन्होंने टीकाकरण में बिहार तथा भारत की उपलब्धि का जिक्र किया।उन्होंने कहा की नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्विद्यालय विशेष प्रकार का विश्वविद्यालय है।उन्होंने भगवान बुद्ध,भगवान महावीर,सूफी संत मखदूम साह तथा गुरुनानक देव जी का राजगीर से संबंध की बात बताई तथा राजगीर को एक न केवल पौराणिक बल्कि पवित्र स्थल भी बताया।राजगीर के मलमास मेले का भी जिक्र उन्होंने किया।उन्होंने कहा की धर्म धम्म सम्मेलन में मानवता के कल्याण के उपाय ढूंढ ने की जरूरत है।
महामहिम राज्यपाल,बिहार ने नालंदा के गौरवमई इतिहास पर प्रकाश डाला तथा नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरूत्थान पर हर्ष व्यक्त किया।
महामहिम उप राष्ट्रपति धर्म धम्म सम्मेलन आयोजित करने के लिए नालंदा विश्वविद्यालय तथा इंडिया फाउंडेशन को बधाई दिया।उन्होंने कहा कि यह धर्म धम्म सम्मेलन कोविद् के बाद लोगों के टेंशन को दूर करने के लिए,खुश रहने के लिए तथा मानव कल्याण के मार्ग ढूढने के लिए है। उन्होंने कहा कि शांति से विकास का मार्ग प्रशस्त होता है,इसलिए हमें सद्भावना एवं विश्व शान्ति की बात करनी चाहिए।धर्म धम्म सम्मेलन नालंदा विश्वविद्यालय के पुराने ख्याति को प्राप्त करने के लिए तथा छात्रों को सिर्फ ज्ञान ही नहीं बल्कि बुद्धिमान बनाने के लिए भी समर्पित है।उन्होंने कहा कि दूसरों का ध्यान रखना तथा दूसरों के साथ मिलकर रहना ही हिंदुस्तान की परंपरा है।नालंदा पहले भी विश्व गुरु कहलाता था और आज भी उस ओर अग्रसर है।उन्होंने कहा कि नेचर और कल्चर मिलकर ही बेहतर भविष्य बनाता है।उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय धर्म धम्म सम्मेलन में 150 से अधिक देश-विदेश के विद्वान अपने शोध पत्र को समर्पित कर चर्चा करेंगे।