नहीं रहीं लता मंगेशकर- “स्वरलोक” की माँ “सुरलोक” की महायात्रा के लिये प्रस्थान कर गईं

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जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
 : महान गायिका लता मंगेशकर का आज निधन हो गया। कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद उन्हें 8 जनवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले कुछ हफ्तों से उनका गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में इलाज चल रहा था। हाल ही में सुधार के लक्षण दिखने के बाद उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई। दुर्भाग्य से, आज उनका निधन हो गया, जिससे पूरे देश में शोक की स्थिति है।
लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन- कुछ दिनों से, लता मंगेशकर में सुधार के निरंतर संकेत दिख रहे थे और उनकी टीम भी आगे आई और सभी से उनके लिए प्रार्थना करने को कहा। हफ्तों तक अस्पताल में इससे लड़ने के बाद लता मंगेशकर का आज निधन हो गया।
लता मंगेशकर : एक किंवदंती- लता मंगेशकर पार्श्व गायन में एक ताकत थीं। अपने सात दशक लंबे करियर में, उन्होंने हमें ऐ मेरे वतन के लोगो, लग जा गले, ये कहां आ गये हम और प्यार किया तो डरना क्या जैसे संगीत रत्न दिए। उनकी असाधारण प्रतिभा के लिए, उन्हें भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार सहित अनगिनत पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
कवि कुमार विश्वास ने अपनी शोक संवेदना प्रकट करते हुये लिखा- “स्वरलोक” की माँ “सुरलोक” की महायात्रा के लिए प्रस्थान कर गईं। हमारी मंगल-ध्वनियों,इहमारी भाव-गंगोत्री को गीत करने वाला कंठ, परम विश्रांति की गोद में सो गया। सरस्वती माँ की आवाज़ अपनी पुण्य-काया को त्यागकर, परमसत्ता के धाम चली गई। स्वरों की ममतामयी माँ तुम हमारे लोककंठ में थीं, हो और रहोगी।