नवादा में राजस्व कर्मी अवैध रूप से कर्मी बहाल कर ले रहे सरकारी काम में मदद

नवादा
जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
नवादा से प्रदीप कुमार के रिपोर्ट ।
नवादा : नवादा के लगभग सभी अंचल में राजस्व कर्मी अवैध रूप से कर्मी बहाल कर उससे सरकारी काम में मदद ले रहे हैं, जिसके द्वारा अवैध वसूली का धंधा किया जा रहा है । दाखिल खारिज और परिमार्जन के लिए भी इन लोगों द्वारा बेझिझक नाजायज रिश्वत मांगी जा रही । ऐसे हीं एक मामले को लेकर नवादा डीएम से लिखित रूप में शिकायत भी किया गया है ।
बता दें कि नवादा के सभी अंचल कार्यालय में राजस्व कर्मचारी की मनमानी है। इसी कारण दाखिल खारिज,परिमार्जन के आवेदन काफी दिनों तक लंबित रहते है। इस बाबत रोह थानाक्षेत्र के भंडाजोर गांव निवासी संजय कुमार और रौशन कुमार ने राजस्व कर्मचारी मिथुन कुमार के द्वारा नियुक्त किए गए दो बिचौलिया पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। जिसकी लिखित शिकायत पीड़ित भूस्वामी ने डीएम उदिता सिंह से की है। पीड़ित भूस्वामी ने आरोप लगाया है कि राजस्व कर्मचारी के बिचौलिया विनोद यादव और रंजन कुमार घर में कार्यालय चला रहे और राजस्व कर्मी द्वारा अवैध वसूली से लिए अवैध कर्मी को नियुक्त किया गया है। नियम के अनुसार राजस्व कर्मियों को सरकारी फाइल लेकर घर नहीं जाना है। लेकिन नवादा के अधिकांश राजस्व कर्मी सरकारी फाइल अपने घर पर ही रख रहे है। दाखिल खारिज कराने के लिए पचास हजार रुपये और परिमार्जन ने लिए एक लाख रूपये बतौर रिश्वत राजस्व कर्मचारी के द्वारा नियुक्त किए गए बिचौलिया को अदा करने होंगे। ऐसे में इलाके के किसानों से दाखिल खारिज कराने के लिए मोटी रकम बतौर रिश्वत वसूली जा रही है। रोह निवासी संजय कुमार बताते हैं कि महीनों चक्कर काटने के बावजूद दाखिल खारिज नहीं हो पा रहा है। आरटीपीएस काउंटर पर आवेदन देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है। पीड़ित भू स्वामी ने बताया कि राजस्व कर्मी खुलेआम कहते हैं कि खर्चा -पानी दीजिए तब काम तुरंत हो जाएगा। बता दे की बिहार सरकार द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी राजस्व कर्मचारी को कोई भी सहायक अथवा निजी या प्राइवेट व्यक्ति को नहीं रखना है और न हीं सरकारी रिकॉर्ड को प्राइवेट मकान में ले जाना है। सरकारी रिकॉर्ड कागजात को सरकारी भवनों पंचायत भवन अथवा अंचल में ही रखना है। बावजूद इसके राजस्व कर्मचारी द्वारा मनमानी की जा रही है। पीड़ित भू स्वामी ने राजस्व कर्मियों द्वारा अवैध कर्मियों से लिए जा रहे कार्य पर रोक लगाने की डीएम से मांग की है। पीड़ित भू स्वामी ने बताया कि डीएम तक अब तक चार बार फरियाद कर चुके हैं। मगर पीड़ित की मानें तो उनकी आवाज सुनने को कोई भी तैयार नहीं है। बता दें जमीन के विवाद में राजस्व विभाग के कर्मचारी बगैर सुविधा शुल्क लिए कोई कदम नहीं उठाते हैं। जिससे भूमि विवादों का निपटारा नहीं हो पा रहा है, जिससे जिले में होने वाली आपराधिक घटनाओं में हर तीसरा मामला जमीन से जुड़ा होता है।