जेल में रहते ली मास्टर्स डिग्री, 31 साल बाद रिहा हो रहा है राजीव गांधी की हत्या का दोषी 

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जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे सात दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन (AG Perarivalan) को रिहा करने का आदेश दे दिया है.
पेरारिवलन का जन्म 30 जुलाई 1971 को तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में हुआ. एजी पेरारिवलन उर्फ अरिवु तमिल कवि कुयिलदासन के बेटे हैं. राजीव गांधी की हत्या के समय पेरारिवलन की उम्र 19 साल थी. उन पर लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के सदस्य शिवरासन के लिए दो 9 वोल्ट बैटरी खरीदने का आरोप लगा था. शिवरासन राजीव गांधी की हत्या का मास्टरमाइंड था. राजीव गांधी की हत्या के लिए बम में इन्हीं बैटरियों का इस्तेमाल किया गया था. 
पेरारिवलन को 11 जून 1991 को पेरियार थिडल (चेन्नई) में केंद्रीय जांच अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था. उन्हें विस्फोटक उपकरण के लिए 9 वाल्ट बैटरी खरीदने का दोषी ठहराया गया था. बता दें कि राजीव गांधी हत्याकांड में वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन, उनकी पत्नी नलिनी, एजी पेरारिवलन, संथन, जयकुमार, पी रविचंद्रन और रॉबर्ट पायस को दोषी ठहराया गया था. 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेरारिवलन हत्या के कुछ दिन पहले शिवरासन को एक मोटर की दुकान पर ले गया था. उसके नाम से एक मोटरसाइकिल खरीदी लेकिन पता गलत दिया.
पेरारिवलन 30 साल से ज्यादा समय से तमिलनाडु के वेल्लोर और पुझल सेंट्रल जेलों में सलाखों के पीछे बंद है. उसको 1998 में टाडा अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. उसके अगले साल सुप्रीम कोर्ट ने सजा को बरकरार रखा, लेकिन 18 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया. इस साल मार्च में उच्च न्यायलय ने पेरारिवलन को जमानत दे दी. 
मिली जानकारी के अनुसार, गिरफ्तारी के दौरान पेरारिवलन ने इलेक्ट्रानिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में अपना डिप्लोमा पूरा कर चुका था. जेल में रहते हुए पेरारिवलन ने इंदिरा गांधी ओपन विश्वविद्यालय से एमसीए किया. उसके बाद मास्टर्स की डिग्री हासिल की. पेरारिवलन 2013 में तमिलनाडु ओपन विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक डिप्लोमा कोर्स के एग्जाम में गोल्ड मेडलिस्ट रहा. अब सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया है.