जिलाधिकारी की अध्यक्षता में धान अधिप्राप्ति की समीक्षा बैठक

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नालंदा
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 धान अधिप्राप्ति की समीक्षा हेतु जिलाधिकारी  शशांक शुभंकर ने आज हरदेव भवन सभागार में कृषि टास्क फोर्स की बैठक की ।
 धान अधिप्राप्ति हेतु चयनित सभी 221 पैक्स एवं 13 व्यापार मंडल द्वारा अधिप्राप्ति कार्य किया जा रहा है।
 10 जनवरी तक 2 लाख एमटी के निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 80803 एमटी धान की अधिप्राप्ति की गई है। यह धान जिला के 10643 किसानों से क्रय किया गया है। अब तक अधिप्राप्ति किए गए धान के विरुद्ध लगभग 91% राशि का भुगतान किसानों को किया जा चुका है।
 विभिन्न राइस मिल के माध्यम से अब तक 25433 एमटी सीएमआर एसएफसी के गोदाम में प्राप्त हो चुका है।
 आज की बैठक में 40 प्रतिशत से कम अधिप्राप्ति कार्य करने वाले प्रखंडों को 4 दिनों के अंदर निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध कम से कम 50 प्रतिशत अधिप्राप्ति कार्य सुनिश्चित करने का निर्देश संबंधित प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों को दिया गया। इन प्रखंडों के प्रखंड सहकारिता पदाधिकारियों के साथ फिर से 15 जनवरी को बैठक की जाएगी।
 धान अधिप्राप्ति के इच्छुक सभी किसानों की सूची निष्पक्ष रुप से तैयार करने का निर्देश सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को दिया गया।
 अधिप्राप्ति में धान बिक्री करने वाले किसानों की सूची का भौतिक सत्यापन किसान सलाहकार के माध्यम से कराया जा रहा है। सत्यापन के दौरान संज्ञान में आने वाली किसी भी तरह की अनियमितता से संबंधित संकलित प्रतिवेदन त्वरित रूप से समर्पित करने का निर्देश सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को दिया गया।
 आज की बैठक में बगैर किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहने के कारण प्रखंड कृषि पदाधिकारी सरमेरा एवं इस्लामपुर से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया गया।
 उर्वरक की नियमित उपलब्धता एवं निर्धारित दर पर बिक्री को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सभी उर्वरक के खुदरा दुकानों पर कृषि विभाग से पदाधिकारियों को टैग/ प्रतिनियुक्त किया गया है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी खुदरा उर्वरक विक्रेता द्वारा अगर निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक की बिक्री की शिकायत प्राप्त होगी तो इसके लिए उर्वरक विक्रेता के साथ-साथ प्रतिनियुक्त किए गए पदाधिकारी को भी उत्तरदाई ठहराया जाएगा।
  उर्वरक के सभी खुदरा विक्रेताओं के साथ प्रखंड कृषि पदाधिकारी बैठक करेंगे एवं स्पष्ट रूप से इस आशय का निर्देश देंगे। उर्वरक बिक्री को लेकर किसी भी तरह की अनियमितता/ शिकायत प्राप्त होने पर त्वरित एवं कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों की भी व्यक्तिगत जवाबदेही तय की जाएगी।
 बैठक में प्रखंड कृषि पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि उर्वरक के थोक विक्रेताओं द्वारा खुदरा विक्रेताओं को उपलब्ध कराए जाने वाले उर्वरक की मात्रा की अग्रिम जानकारी नहीं होने के कारण मोनिटरिंग में कठिनाई होती है। जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को जिला के सभी उर्वरक थोक विक्रेताओं के साथ बैठक कर इस संबंध में स्पष्ट रूप से निर्देशित करने को कहा। उर्वरक के सभी थोक विक्रेताओं एवं कृषि विभाग के पदाधिकारियों का एक अलग से व्हाट्सएप ग्रुप बनाने को कहा गया। इस ग्रुप में थोक विक्रेता द्वारा खुदरा विक्रेताओं को उपलब्ध कराई जाने वाली उर्वरक की मात्रा के संबंध में अग्रिम जानकारी शेयर किया जाएगा। पंचायतवार उर्वरक की आवश्यकता की जानकारी सभी थोक विक्रेताओं को उपलब्ध कराने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया गया। आवश्यकता के अनुरूप ही थोक विक्रेता खुदरा विक्रेताओं को उर्वरक उपलब्ध कराएंगे।
 सभी राइस मिल पर भी एक वरीय पदाधिकारी को प्रशासन की तरफ से अधिप्राप्ति से संबंधित कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए नोडल पदाधिकारी के रूप में नामित करने का निर्देश दिया गया। नामित पदाधिकारी प्रतिदिन मिल पर जाकर इसकी मोनिटरिंग करेंगे।
 *धान अधिप्राप्ति एवं उर्वरक की बिक्री /उपलब्धता से संबंधित किसी भी तरह की शिकायत/ सूचना दर्ज कराने के लिए जिलाधिकारी के निर्देशानुसार जिला कृषि कार्यालय में एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। जो दूरभाष संख्या 06112-231143 पर कार्यरत किया गया है। कोई भी व्यक्ति इस दूरभाष नंबर पर कार्य दिवस एवं कार्य अवधि में अधिप्राप्ति एवं उर्वरक बिक्री से संबंधित अपना शिकायत/सूचना दर्ज करा सकता है।* सभी प्राप्त शिकायत/ सूचना को पंजी में संधारित करने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया।
 बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम, जिला सहकारिता पदाधिकारी, एमडी कोऑपरेटिव बैंक, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।