जब जज ने शेयर किया कोरोना से लड़ने का अनुभव, बोले संक्रमित होने पर घबराएं नहीं कोविड-19 से लड़ने के लिए समय का काफी महत्व

पटना मुजफ्फरपुर
जनादेश न्यूज़ बिहार
🖋 आफताब आलम (न्यायिक दंडाधिकारी की कलम से)
पटना : संपूर्ण देश वैश्विक महामारी कोरोना से जंग लड़ रहा है इस महामारी ने आम हो या खास सब लोगों को अपना शिकार बनाया. कई ऐसे शख्सियत को हमने खो दिया जिनके केवल कर्तव्यों को ही अब याद किया जा सकता है. कोरोना संक्रमण के कारण बिहार में सचिव समेत कई अधिकारी भी काल के गाल में समा गए खैर जो भी हो समय के महत्व को समझते हुए खुद सुरक्षित रखकर हमें इस वैश्विक महामारी से लड़ने की आवश्यकता है और इस कोरोना संक्रमण से हमें संघर्ष की जरूरत है. कोरोना संक्रमण के बीच कई लोग अपने अनुभव को भी साझा कर रहे हैं ताकि उनके अनुभव का अनुकरण कर कोरोना से जंग जीता जा सके. कोरोना से संक्रमण होने के बाद एक न्यायिक अधिकारी ने अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने शेयर किया. जज ने संक्रमण से छुटकारा पाने के बाद क्या कुछ लिखा है वह आप खुद पढ़िए
मैं अपना कोरोना से लड़ने का एक्सपीरियंस शेयर करना चाहता हूं मैं 14 अप्रैल को एक जूनियर ऑफिसर के संपर्क में आया था फिर मैंने और जूनियर ऑफिसर 16 अप्रैल को कोविड-19 का टेस्ट कराया जिसमें मेरे जूनियर ऑफिसर का एंटीजन  रिपोर्ट पॉजिटिव आया और मेरा एंटीजन रिपोर्ट नेगेटिव आया फिर मुझे 16 अप्रैल को हल्का फीवर आया तो मैंने पेरासिटामोल खाया फिर भी मेरा फीवर आता रहा तब मैं 19 अप्रैल को मुजफ्फरपुर से पटना अच्छे इलाज के लिए चल दिया.उसी दिन में अपने फिजीशियन डॉ अरुण कुमार सिन्हा एमडी से मिला और शुरुआत में उन्होंने कुछ दवा दीया मैंने उस दवा को खाया परंतु मेरा फीवर आता जाता रहा सब मेरे फिजीशियन ने मुझे फेफड़े का सीटी स्कैन कराने को कहा मैंने 22 अप्रैल को पारस में अपना फेफड़े का सीटी स्कैन कराया जिसमें माइल्ड इंफेक्शन इंफेक्शन का पता चला तब मेरे फिजीशियन ने सीटी स्कैन के रिपोर्ट के आधार पर अपना लाइन ऑफ ट्रीटमेंट बदला और उसी दिन से स्टोराइट डेक्सोना का इंजेक्शन और ब्लड थिनर का इंजेक्शन स्टार्ट कर आया साथी फेवी ग्लू का टेबलेट प्रिसक्राइब किया स्ट्राइड लेने के बाद मेरा फीवर स्टेबल हो गया और मैं अच्छा महसूस करने लगा उसके बाद मैंने 25 अप्रैल को दोबारा से एंटीजन और आरटी पीसीआर टेस्ट कराया जिसमें एंटीजन मेरा नेगेटिव आया परंतु 28 अप्रैल को आरटी पीसीआर मेरा पॉजिटिव रहा.बाद में मैं होम आइसोलेशन में 14 दिन और 7 दिन कुल मिलाकर 21 दिन रहा उस दौरान में अपने आप को संयमित रखा और लाइफ को एंजॉय किया किसी प्रकार का कोई चिंता नहीं आने दिया इस बीच काफी बुरी बुरी समाचार भी मिल रही थी हम लोग ने 5 जुडिशल ऑफिसर को इस महामारी में खो दिया इसमें से एक हमारे प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय श्री दुर्गेश मणि त्रिपाठी सर उसके बाद पीयूष श्रीवास्तव सर एडीजे उसके बाद अमित तिवारी सर सब जज कम एसीजीएम पटना और मेरे दो बैचमेट मनीष कुमार रेलवे मजिस्ट्रेट लखीसराय तथा दीपक कुमार न्यायिक दंडाधिकारी खगड़िया को खो दिया.यह सब सुनने के बाद भी मैंने अपना हिम्मत नहीं हरा और और कोविड-19 से लड़ता रहा मेरा सभी लोग को यह मैसेज है अगर आपका रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाए तो पैनिक होने की जरूरत नहीं है आप अपना इलाज समय पर स्टार्ट कर दे डॉक्टर के गाइडेंस पर क्योंकि कोविड-19 से लड़ने के लिए समय का काफी महत्व होता है अगर आप समय गवा देंगे तो कुछ भी हो सकता है तो उस समय को ना दबाते हुए जैसे ही आपका रिपोर्ट पॉजिटिव आए अपने डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर के निर्देशानुसार अपनी इलाज शुरू कर दो सुप्रो नाचे विजय प्राप्त होगी डरने की कोई बात नहीं है आराम से लड़ना है संयमित होकर लड़ना है धार के साथ लड़ना है होम आइसोल्यूशन के दौरान मुझे फैमिली का काफी सपोर्ट मिला सारे भाइयों का सपोर्ट मिला एस्पेशली मेरे सबसे बड़े भाई उन्होंने कहा कि मेरा केयर किया और मेरी वाइफ जो खुद एक डॉक्टर है रिस्क लेते हुए दोनो टाइम इंजेक्शन देना बी पी लेना इत्यादि उन्होंने किया साथ ही मेरा भतीजे और भतीजी ने मुझे सूप बनाके खूब पिलाया और मेरी माता जी का आशीर्वाद सदा मेरे साथ रहता है और रमजान का पाक महीना भी था भगवान भी मेरे का साथ रहा सभी लोगों की आशीर्वाद और दुआओं से मैं बिल्कुल ठीक हो गया हूं मैंने करोना को हराया है और उस पर विजय प्राप्त किया है दो तीन बातें हमेशा ध्यान में रखना है मास्क जरूर पहने सामाजिक दूरी बनाए रखें तथा अपना हाथ धोते रहे हम लोग कोरोना पर विजय प्राप्त करेंगे यह मेरी आशा है.
👉आफताब आलम न्यायिक दंडाधिकारी मुजफ्फरपुर धन्यवाद